ऋग्वेद: दशम मंडल (10th Mandala) – "दार्शनिक मंडल"
दशम मंडल (10th Mandala) ऋग्वेद का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण मंडल है। इसे "दार्शनिक मंडल" भी कहा जाता है क्योंकि इसमें ब्रह्म, सृष्टि, आत्मा, पुनर्जन्म, मृत्यु, समाज और धर्म से जुड़े गहन दार्शनिक विचार प्रस्तुत किए गए हैं। इसमें विश्वप्रसिद्ध "नासदीय सूक्त" (सृष्टि के रहस्य पर), "पुरुषसूक्त" (सामाजिक संरचना पर), "हिरण्यगर्भ सूक्त" (ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर) और "शिवसंकल्प सूक्त" (मानसिक शुद्धता पर) शामिल हैं।
🔹 दशम मंडल की संरचना
वर्ग | संख्या |
---|---|
सूक्त (हाइम्न्स) | 191 |
ऋचाएँ (मंत्र) | लगभग 1754 |
मुख्य देवता | ब्रह्म, सृष्टा, अग्नि, इंद्र, वरुण, मृत्यु, यम, उषा |
महत्वपूर्ण विषय | सृष्टि, ब्रह्म, पुरुषसूक्त, समाज, पुनर्जन्म, मृत्यु, योग |
👉 यह मंडल मुख्य रूप से अंगिरस, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अत्रि, भारद्वाज, कण्व, मरिची और भृगु ऋषियों द्वारा रचित माना जाता है।