व्यापारी और उसकी तीन पत्नियों की कहानी
एक समय की बात है, एक धनी व्यापारी था जिसकी तीन पत्नियां थीं। वह अपनी तीनों पत्नियों से अलग-अलग कारणों से प्रेम करता था, लेकिन उनके प्रति उसका व्यवहार भिन्न था। एक दिन व्यापारी गंभीर रूप से बीमार पड़ गया और उसे लगा कि अब उसका अंत निकट है। उसने सोचा कि उसके मरने के बाद उसकी पत्नियों में से कौन उसके साथ जाएगी।
व्यापारी की तीन पत्नियां और उनका स्वभाव
पहली पत्नी:
व्यापारी की पहली पत्नी उसकी सबसे प्रिय थी। वह बहुत सुंदर और आकर्षक थी, और व्यापारी ने हमेशा उसके लिए महंगे आभूषण और वस्त्र खरीदे। लेकिन उसने व्यापारी के प्रति कभी विशेष लगाव नहीं दिखाया।दूसरी पत्नी:
व्यापारी की दूसरी पत्नी बहुत बुद्धिमान और समझदार थी। व्यापारी हमेशा अपनी समस्याओं पर उससे चर्चा करता था, और उसने हर मुश्किल समय में उसका साथ दिया।तीसरी पत्नी:
व्यापारी की तीसरी पत्नी साधारण और विनम्र थी। वह न तो बहुत सुंदर थी, न ही व्यापारी ने उसे कभी खास महत्व दिया। लेकिन वह हमेशा व्यापारी की सेवा में लगी रहती और उसकी हर जरूरत का ध्यान रखती।
व्यापारी की मृत्यु की तैयारी
जब व्यापारी ने महसूस किया कि वह अधिक समय तक जीवित नहीं रहेगा, तो उसने अपनी पत्नियों से एक-एक करके पूछा,
"क्या तुम मेरी मृत्यु के बाद मेरे साथ चलोगी?"
पहली पत्नी ने कहा:
"नहीं, मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी। तुम्हारी मृत्यु के बाद मैं अपनी नई जिंदगी शुरू करूंगी।"
व्यापारी को यह सुनकर बहुत दुःख हुआ।दूसरी पत्नी ने कहा:
"मैं तुम्हारे अंतिम संस्कार तक तुम्हारे साथ रहूंगी, लेकिन उसके बाद मैं अपने जीवन में आगे बढ़ जाऊंगी।"
व्यापारी यह सुनकर निराश हो गया।तीसरी पत्नी ने कहा:
"मैं तुम्हारे साथ जाऊंगी, चाहे जो भी हो।"
व्यापारी को यह सुनकर राहत मिली, लेकिन उसने महसूस किया कि उसने तीसरी पत्नी को कभी भी उचित महत्व नहीं दिया था।
बेताल का प्रश्न
बेताल ने राजा विक्रम से पूछा:
"इन तीन पत्नियों में से सबसे सच्ची पत्नी कौन थी? और व्यापारी को किससे सबसे ज्यादा सीख लेनी चाहिए थी?"
राजा विक्रम का उत्तर
राजा विक्रम ने कहा:
"तीसरी पत्नी सबसे सच्ची थी, क्योंकि वह व्यापारी के साथ अंत तक रहने को तैयार थी। व्यापारी को यह समझना चाहिए था कि जिसने उसके प्रति निस्वार्थ सेवा और समर्पण दिखाया, उसी का सम्मान और देखभाल सबसे अधिक करनी चाहिए थी। पहली और दूसरी पत्नियों ने केवल अपने स्वार्थ को महत्व दिया।"
कहानी की शिक्षा
- सच्चा संबंध सेवा और निष्ठा पर आधारित होता है।
- हम अक्सर उन लोगों को नजरअंदाज करते हैं जो हमारे प्रति सबसे अधिक निस्वार्थ होते हैं।
- संपत्ति और सुख केवल जीवन तक साथ रहते हैं, लेकिन निष्ठा और सेवा सच्चे साथी होते हैं।
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