राजकुमारी का वर चयन
प्राचीन काल में एक विशाल और समृद्ध राज्य की राजकुमारी थी, जो अपनी सुंदरता, बुद्धिमत्ता, और गुणों के लिए प्रसिद्ध थी। जब वह विवाह योग्य हुई, तो राजा ने निर्णय किया कि उसका विवाह किसी योग्य राजकुमार से ही होगा। इसके लिए राज्य में एक विशेष सभा का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से राजकुमारों को आमंत्रित किया गया।
राजकुमारी की शर्त
सभा के दिन राजकुमारी ने घोषणा की:
"मैं किसी भी राजकुमार से विवाह तभी करूंगी, जब वह अपनी बुद्धि, साहस और निःस्वार्थता से मेरी शर्त पूरी करेगा।"
राजा ने राजकुमारी से शर्त बताने को कहा। राजकुमारी ने तीन चुनौतियां सामने रखीं:
- साहस की परीक्षा: प्रत्येक राजकुमार को एक खतरनाक जंगल में जाना होगा और वहां से दुर्लभ हीरा लाकर देना होगा।
- बुद्धि की परीक्षा: एक पहेली का उत्तर देना होगा।
- निःस्वार्थता की परीक्षा: यह साबित करना होगा कि वे राजकुमारी के प्रति निःस्वार्थ हैं।
चुनौतियों की शुरुआत
सभा में कई राजकुमार आए और चुनौतियां स्वीकार कीं।
साहस की परीक्षा:
जंगल में जाने के बाद कई राजकुमार हीरा लाने में असफल रहे, क्योंकि वहां खतरनाक जानवर थे। कुछ ने भय के कारण जंगल में प्रवेश ही नहीं किया। लेकिन एक राजकुमार निडर होकर जंगल में गया, जानवरों से लड़ा, और दुर्लभ हीरा लेकर लौट आया।बुद्धि की परीक्षा:
राजकुमारी ने पहेली दी:
"ऐसी कौन सी चीज है, जो जितनी बांटोगे, उतनी बढ़ती जाएगी?"
कई राजकुमार उत्तर नहीं दे सके। लेकिन वही निडर राजकुमार बोला:
"यह प्रेम और ज्ञान है। इन्हें जितना बांटोगे, उतना ही बढ़ेगा।"
राजकुमारी ने उत्तर सही बताया।निःस्वार्थता की परीक्षा:
राजकुमारी ने राजकुमार से कहा:
"क्या तुम मुझे सच्चा प्रेम करते हो?"
राजकुमार ने उत्तर दिया:
"हां, लेकिन यदि तुम्हें किसी और के साथ अधिक सुखी जीवन मिलेगा, तो मैं तुम्हारा विवाह वहां होते देखना चाहूंगा।"
राजकुमारी का निर्णय
राजकुमारी ने सबके सामने घोषणा की:
"यह राजकुमार तीनों चुनौतियों में सफल हुआ है। उसने न केवल अपना साहस और बुद्धि साबित की, बल्कि यह भी दिखाया कि उसका प्रेम निःस्वार्थ है। यही मेरे लिए सच्चा वर है।"
राजा ने राजकुमार और राजकुमारी का विवाह धूमधाम से कर दिया।
बेताल का प्रश्न
बेताल ने राजा विक्रम से पूछा:
"राजकुमारी ने सही वर चुना या नहीं? यदि हां, तो क्यों?"
राजा विक्रम का उत्तर
राजा विक्रम ने कहा:
"राजकुमारी ने सही वर चुना, क्योंकि राजकुमार ने केवल राजकुमारी के प्रति प्रेम का दावा नहीं किया, बल्कि अपने कर्मों से अपनी योग्यताओं को सिद्ध किया। उसकी निःस्वार्थता और बुद्धिमत्ता यह दर्शाती है कि वह सच्चे प्रेम और नेतृत्व के गुणों से परिपूर्ण है।"
कहानी की शिक्षा
- सच्चा प्रेम निःस्वार्थ होता है।
- साहस, बुद्धि और निष्ठा किसी भी व्यक्ति को योग्य बनाते हैं।
- निर्णय लेने में गुण और कर्म का ध्यान रखना चाहिए, न कि केवल बाहरी दिखावे का।
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