शनिवार, 30 अप्रैल 2022

वशित्व सिद्धि (Vashitva Siddhi) – संपूर्ण सृष्टि को वश में करने की शक्ति

 

🔱 वशित्व सिद्धि (Vashitva Siddhi) – संपूर्ण सृष्टि को वश में करने की शक्ति 🧘‍♂️✨

वशित्व सिद्धि भारतीय योग और तंत्र साधना में वर्णित आठ महाशक्तियों (अष्ट सिद्धियाँ) में से एक है।
🔹 यह शक्ति साधक को मनुष्यों, पशु-पक्षियों, प्रकृति और यहाँ तक कि देवताओं और ब्रह्मांडीय शक्तियों को वश में करने की क्षमता प्रदान करती है।
🔹 इस सिद्धि को प्राप्त करने वाला साधक किसी भी व्यक्ति, वस्तु या स्थिति को अपनी इच्छा के अनुसार नियंत्रित कर सकता है।

अब हम वशित्व सिद्धि के रहस्यों, इसे प्राप्त करने की साधनाओं और ऐतिहासिक उदाहरणों पर गहराई से चर्चा करेंगे।


🔱 1️⃣ वशित्व सिद्धि क्या है? (What is Vashitva Siddhi?)

"वशित्व" शब्द "वश" से बना है, जिसका अर्थ है "नियंत्रण" या "संपूर्ण नियंत्रण में रखना"
✔ इस सिद्धि से साधक अन्य प्राणियों, प्रकृति और मानसिक शक्तियों को अपने नियंत्रण में कर सकता है।
✔ इसे "अलौकिक वशीकरण शक्ति" (Supernatural Power of Influence & Control) भी कहा जाता है।

👉 श्रीमद्भागवत (11.15.3) में कहा गया है:
"अणिमा महिमा चैव लघिमा गरिमा तथा। प्राप्तिः प्राकाम्यमीशित्वं वशित्वं चाष्ट सिद्धयः॥"
(अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिद्धियाँ हैं।)

🔹 वशित्व सिद्धि प्राप्त करने वाला साधक दूसरों की मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है और अपनी इच्छा से उन्हें नियंत्रित कर सकता है।


🔱 2️⃣ वशित्व सिद्धि के अद्भुत प्रभाव (Magical Effects of Vashitva Siddhi)

दूसरों के मन और विचारों को नियंत्रित करना (Mind Control & Thought Influence) – व्यक्ति दूसरों के विचारों और निर्णयों को प्रभावित कर सकता है।
पशु-पक्षियों और प्रकृति को अपने अनुसार चलाना (Control Over Animals & Nature) – साधक पशु, पक्षियों, पेड़-पौधों और यहाँ तक कि ग्रह-नक्षत्रों को भी नियंत्रित कर सकता है।
राजाओं, नेताओं और समाज पर प्रभाव डालना (Influencing Kings, Leaders & Society) – व्यक्ति अपने प्रभाव से राजाओं, शासकों और समाज के बड़े वर्ग को वश में कर सकता है।
दिव्य शक्तियों और देवताओं को वश में करना (Commanding Divine Beings & Supernatural Entities) – सिद्ध साधक देवताओं, यक्षों, गंधर्वों और अन्य सूक्ष्म शक्तियों को अपने नियंत्रण में कर सकता है।
किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करना (Power of Attraction & Hypnosis) – साधक अपनी ऊर्जा से दूसरों को आकर्षित कर सकता है और उन्हें अपने प्रति समर्पित कर सकता है।


🔱 3️⃣ वशित्व सिद्धि प्राप्त करने वाले ऐतिहासिक महापुरुष

📌 1. भगवान श्रीकृष्ण और वशित्व सिद्धि

🔹 श्रीकृष्ण के पास यह सिद्धि थी, जिससे वे किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकते थे
🔹 इसी सिद्धि से उन्होंने द्रोपदी को अपनी शरण में रखा, रुक्मिणी का हरण किया और रासलीला में हर गोपी को अपने साथ नृत्य करते हुए महसूस कराया।

👉 "भागवत पुराण" (10.33.25) में कहा गया है:
"कृष्णं वशीकृतं सर्वं लोकं तस्य महात्मनः।"
(श्रीकृष्ण ने अपने वशित्व सिद्धि से संपूर्ण लोक को आकर्षित किया था।)


📌 2. ऋषि विश्वामित्र और वशित्व सिद्धि

🔹 ऋषि विश्वामित्र ने अपनी सिद्धि से राजा त्रिशंकु को स्वर्ग में भेजने का प्रयास किया और स्वयं एक नया स्वर्ग बना दिया।
🔹 उन्होंने देवताओं को भी अपनी शक्तियों से वश में कर लिया था।

👉 "रामायण" में उल्लेख है:
"विश्वामित्रः स्वयमेव लोकान् नियंत्रयति।"
(विश्वामित्र ने अपनी वशित्व सिद्धि से संपूर्ण लोकों को नियंत्रित किया।)


📌 3. गुरु गोरखनाथ और वशित्व सिद्धि

🔹 संत गोरखनाथ ने इस सिद्धि का उपयोग कर राजाओं, पशु-पक्षियों और प्रकृति को नियंत्रित किया था।
🔹 वे शेरों को अपने आदेशों पर चलने के लिए बाध्य कर सकते थे।

👉 "नाथ संप्रदाय ग्रंथ" में कहा गया है:
"गोरक्ष योगी वशित्वेन सिंहान् अपि वशं नयति।"
(गोरखनाथ ने वशित्व सिद्धि से सिंहों को भी नियंत्रित किया था।)


🔱 4️⃣ वशित्व सिद्धि प्राप्त करने की साधना (Practices to Attain Vashitva Siddhi)

📌 1. विशुद्धि चक्र और कुंडलिनी जागरण (Vishuddhi Chakra & Kundalini Awakening)

वशित्व सिद्धि का संबंध "विशुद्धि चक्र" (Throat Chakra) से है।
✔ जब यह चक्र पूरी तरह जाग्रत हो जाता है, तब व्यक्ति अपने शब्दों और ऊर्जा से दूसरों को वश में कर सकता है।

कैसे करें?
✔ विशुद्धि चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
✔ कुंडलिनी जागरण के लिए भस्त्रिका और उज्जायी प्राणायाम करें।
सिद्धासन में बैठकर "ॐ वशित्व सिद्धि ह्रीं स्वाहा।" का जप करें।


📌 2. "वशीकरण ध्यान" (Hypnotic Meditation Technique)

✔ यह ध्यान साधना मानसिक और आध्यात्मिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए की जाती है।

कैसे करें?
✔ शांत स्थान पर बैठें और किसी व्यक्ति, पशु या वस्तु को ध्यान में रखें।
✔ महसूस करें कि आपकी ऊर्जा उस पर प्रभाव डाल रही है और वह आपके नियंत्रण में आ रहा है।
✔ प्रतिदिन 30-60 मिनट इस ध्यान का अभ्यास करें।


📌 3. मंत्र साधना (Mantra Chanting for Vashitva Siddhi)

✔ विशिष्ट मंत्रों से वशित्व सिद्धि जाग्रत की जा सकती है।

मंत्र:
"ॐ नमः भगवते वासुदेवाय वशं कुरु कुरु स्वाहा।"
"ॐ वशित्व सिद्धि ह्रीं स्वाहा।"
✔ इन मंत्रों का रोज़ 108 बार जाप करें
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 3-6 बजे) में साधना करें।


📌 4. अष्टांग योग और प्राणायाम (Ashtanga Yoga & Pranayama)

अष्टांग योग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) का पालन करें।
विशुद्धि चक्र को सक्रिय करने के लिए ध्यान करें।

कैसे करें?
"सोऽहम् ध्यान" (श्वास के साथ "सो" और "हम" का जप) करें।
भ्रामरी प्राणायाम करें।


🔱 5️⃣ वशित्व सिद्धि प्राप्त करने के लिए आवश्यक नियम (Rules for Attaining Vashitva Siddhi)

गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – बिना संयम के सिद्धियाँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।
सात्त्विक आहार लें – शरीर को शुद्ध रखें।
सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का पालन करें।


🌟 निष्कर्ष – वशित्व सिद्धि प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य

वशित्व सिद्धि साधक को मनुष्यों, प्रकृति और मानसिक शक्तियों को नियंत्रित करने की शक्ति देती है।
भगवान कृष्ण, विश्वामित्र और गोरखनाथ ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।
कुंडलिनी जागरण, विशुद्धि चक्र ध्यान, मंत्र जाप और प्राणायाम से इसे प्राप्त किया जा सकता है।

भागवत गीता: अध्याय 18 (मोक्ष संन्यास योग) आध्यात्मिक ज्ञान और मोक्ष (श्लोक 54-78)

 यहां भागवत गीता: अध्याय 18 (मोक्ष संन्यास योग) के श्लोक 54 से 78 तक का अर्थ और व्याख्या दी गई है। इन श्लोकों में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रह्म...