शनिवार, 31 अक्टूबर 2020

श्रीकृष्ण के विवाह

 श्रीकृष्ण के विवाह उनकी लीलाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनका पहला और प्रमुख विवाह रुक्मिणी से हुआ, लेकिन इसके अलावा उनके कई अन्य विवाह भी हुए। ये विवाह न केवल प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैं, बल्कि धर्म की स्थापना और धर्मरक्षा के लिए उठाए गए कदम भी हैं।


1. रुक्मिणी विवाह

रुक्मिणी विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री थीं। रुक्मिणी बचपन से ही श्रीकृष्ण को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं।

  • दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति: रुक्मिणी का भाई रुक्मी उनका विवाह चेदि राजा शिशुपाल से करवाना चाहता था, जो श्रीकृष्ण का शत्रु था।
  • प्रेमपत्र: रुक्मिणी ने श्रीकृष्ण को एक पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया कि वे आकर उन्हें शिशुपाल से बचाएं।
  • स्वयंवर से अपहरण: श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी को स्वयंवर के दिन चेदि राजकुमारों और अन्य राजाओं के बीच से उठाकर विवाह किया।
  • रुक्मी का पराजय: रुक्मी ने श्रीकृष्ण का विरोध किया, लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे पराजित कर दिया और उसकी जान बख्श दी।

रुक्मिणी श्रीकृष्ण की प्रमुख पत्नी बनीं और उन्हें लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।


2. जाम्बवती विवाह

जाम्बवती, ऋक्षराज जाम्बवन्त की पुत्री थीं।

  • स्यमंतक मणि का प्रसंग: जब सत्राजित नामक राजा की स्यमंतक मणि खो गई, तो कृष्ण ने उसे खोजने का बीड़ा उठाया।
  • मणि जाम्बवन्त के पास थी, और उसे प्राप्त करने के लिए कृष्ण ने जाम्बवन्त के साथ 28 दिनों तक युद्ध किया।
  • अंततः जाम्बवन्त ने अपनी हार स्वीकार की और अपनी पुत्री जाम्बवती का विवाह श्रीकृष्ण से कर दिया।

3. सत्यभामा विवाह

सत्यभामा सत्राजित की पुत्री थीं।

  • स्यमंतक मणि: जब स्यमंतक मणि को लेकर विवाद हुआ, तो श्रीकृष्ण ने मणि लौटाकर सत्राजित का विश्वास जीता।
  • विवाह प्रस्ताव: सत्राजित ने अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण से कर दिया।
  • सत्यभामा को भूदेवी का अवतार माना जाता है।

4. कालिंदी विवाह

कालिंदी सूर्यदेव की पुत्री थीं।

  • कालिंदी यमुना के तट पर तपस्या कर रही थीं और उन्होंने श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने की प्रार्थना की।
  • श्रीकृष्ण ने उनकी तपस्या स्वीकार की और उनसे विवाह किया।

5. मित्रवृंदा विवाह

मित्रवृंदा अवंती के राजा की पुत्री थीं।

  • उनका स्वयंवर आयोजित किया गया था, जिसमें श्रीकृष्ण ने भाग लेकर उनका हरण किया और उनसे विवाह किया।

6. नागनजिति विवाह

नागनजिति, जिन्हें सत्य भी कहा जाता है, कोसल देश के राजा नागंजित की पुत्री थीं।

  • शर्त: नागनजित ने शर्त रखी थी कि जो राजकुमार सात उग्र बैलों को वश में करेगा, वही उनकी पुत्री से विवाह कर सकता है।
  • श्रीकृष्ण ने अपनी शक्ति से यह शर्त पूरी की और नागनजिति से विवाह किया।

7. भद्रा विवाह

भद्रा, कौरव वंश की एक राजकुमारी थीं।

  • उनका विवाह उनके परिवार की इच्छा से श्रीकृष्ण के साथ संपन्न हुआ।

8. लक्ष्मणा (मद्रा) विवाह

लक्ष्मणा, मद्र देश की राजकुमारी थीं।

  • उनके स्वयंवर में श्रीकृष्ण ने विजयी होकर उनसे विवाह किया।

9. 16,100 कन्याओं से विवाह

  • नरकासुर वध का प्रसंग: नरकासुर ने 16,100 राजकुमारियों का अपहरण कर उन्हें बंदी बना लिया था।
  • श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर सभी कन्याओं को मुक्त कराया।
  • सामाजिक सम्मान के लिए श्रीकृष्ण ने इन कन्याओं से विवाह किया, ताकि वे समाज में स्वीकार्य हो सकें।

विवाहों का महत्व

  1. धर्म की स्थापना: श्रीकृष्ण के सभी विवाह धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए थे।
  2. भक्ति का प्रतीक: प्रत्येक पत्नी उनके प्रति भक्ति और प्रेम का प्रतीक है।
  3. संस्कृति और परंपरा: इन विवाहों के माध्यम से श्रीकृष्ण ने विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों को जोड़ने का कार्य किया।
  4. अवतारी उद्देश्य: उनके विवाह मानव समाज में धर्म, करुणा और न्याय की स्थापना के लिए किए गए दिव्य कृत्य हैं।

श्रीकृष्ण का विवाह केवल सांसारिक घटना नहीं, बल्कि धर्म, भक्ति और प्रेम की स्थापना का माध्यम था।

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