शनिवार, 1 अक्टूबर 2022

6️⃣ आज्ञा चक्र (Ajna Chakra) – तीसरी आँख और दिव्य दृष्टि

 

🔱 आज्ञा चक्र (Ajna Chakra) – तीसरी आँख और दिव्य दृष्टि 👁️✨

आज्ञा चक्र शरीर का छठा ऊर्जा केंद्र है, जिसे "तीसरी आँख" (Third Eye) के रूप में जाना जाता है।
🔹 यह भ्रूमध्य (Forehead) के बीच में स्थित होता है और हमारी अंतर्ज्ञान (Intuition), मानसिक स्पष्टता (Mental Clarity) और दिव्य दृष्टि (Spiritual Vision) को नियंत्रित करता है।
🔹 जब यह चक्र जाग्रत होता है, तो व्यक्ति भूत, भविष्य और वर्तमान की गहरी समझ प्राप्त करता है
🔹 यह चक्र आध्यात्मिक जागरण और ब्रह्मांडीय ज्ञान का द्वार है, जिससे व्यक्ति अवचेतन मन और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ता है

अब हम आज्ञा चक्र के रहस्यों, लक्षणों, जागरण विधियों और ध्यान प्रक्रियाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


🔱 1️⃣ आज्ञा चक्र का परिचय (Introduction to Ajna Chakra)

स्थान (Location): दोनों भौहों के बीच (Between Eyebrows - Third Eye)
तत्व (Element): प्रकाश 💡
रंग (Color): गहरा नीला या इंडिगो 🔵
बीज मंत्र (Bija Mantra): "ॐ" (OM)
गुण (Qualities): अंतर्ज्ञान, मानसिक स्पष्टता, दिव्य दृष्टि, एकाग्रता
अंग (Organs Affected): मस्तिष्क (Brain), आँखें (Eyes), पीनियल ग्रंथि (Pineal Gland), तंत्रिका तंत्र (Nervous System)

👉 "उपनिषदों" में कहा गया है:
"आज्ञा चक्र जागरण से साधक ब्रह्मांडीय ज्ञान और आत्मसाक्षात्कार प्राप्त करता है।"

🔹 आज्ञा चक्र के असंतुलन से व्यक्ति में मानसिक भ्रम, नकारात्मकता, निर्णय लेने की कमजोरी और आध्यात्मिक बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
🔹 जब यह चक्र सक्रिय होता है, तो व्यक्ति अत्यंत जागरूक, अंतर्ज्ञानी और आत्मबोध से भरपूर बनता है।


🔱 2️⃣ आज्ञा चक्र असंतुलन के लक्षण (Symptoms of Blocked Ajna Chakra)

शारीरिक लक्षण (Physical Symptoms):
🔸 सिरदर्द, माइग्रेन और आँखों में दर्द।
🔸 नींद की समस्या, अनिद्रा (Insomnia)।
🔸 मस्तिष्क में थकावट, एकाग्रता की कमी।
🔸 देखने की क्षमता में कमी या आँखों से जुड़ी समस्याएँ।

मानसिक और भावनात्मक लक्षण (Mental & Emotional Symptoms):
🔹 निर्णय लेने में कठिनाई, आत्म-संदेह।
🔹 भ्रम, असत्य से प्रभावित होना, नकारात्मक विचारों की अधिकता।
🔹 अतीत में उलझे रहना और भविष्य की चिंता करना।
🔹 स्वप्न, अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता का अभाव।

जब आज्ञा चक्र जाग्रत होता है, तो व्यक्ति:
तीव्र अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करता है।
दिव्य दृष्टि (Clairvoyance) और भविष्यदृष्टि (Premonition) विकसित करता है।
ब्रह्मांडीय चेतना और गहरे ध्यान में प्रवेश करता है।


🔱 3️⃣ आज्ञा चक्र जागरण के लाभ (Benefits of Activating Ajna Chakra)

अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता में वृद्धि (Enhances Intuition & Mental Clarity)
भविष्यदर्शन और दिव्य दृष्टि (Develops Clairvoyance & Psychic Abilities)
ध्यान और ध्यानस्थ अवस्था में गहराई (Deepens Meditation & Focus)
आध्यात्मिक जागरूकता और ब्रह्मांडीय ऊर्जा का अनुभव (Spiritual Awakening & Cosmic Awareness)
मन, शरीर और आत्मा का संतुलन (Balances Mind, Body & Soul)


🔱 4️⃣ आज्ञा चक्र जागरण की साधना विधि (Practices to Activate Ajna Chakra)

📌 1. त्राटक साधना (Trataka – Candle Gazing Meditation)

✅ किसी अंधेरे कमरे में दीपक जलाएँ और लौ को लगातार देखें।
✅ बिना पलक झपकाए 2-5 मिनट तक ध्यान केंद्रित करें।
✅ जब आँखें थकने लगें, तो आँखे बंद करें और लौ की छवि को तीसरी आँख पर देखें।
✅ इसे 10-15 मिनट तक दोहराएँ

🔹 लाभ: यह तीसरी आँख की शक्ति को बढ़ाता है और मानसिक स्पष्टता देता है।


📌 2. आज्ञा चक्र ध्यान (Ajna Chakra Meditation)

✅ किसी शांति स्थान पर बैठें और आँखें बंद करें।
✅ अपनी भ्रूमध्य (Forehead) के केंद्र पर ध्यान केंद्रित करें।
गहरे नीले या बैंगनी प्रकाश की कल्पना करें, जो आपकी तीसरी आँख पर चमक रहा है।
✅ अनुभव करें कि आपका अंतर्ज्ञान जाग्रत हो रहा है
✅ इस ध्यान को 10-20 मिनट तक करें

🔹 लाभ: यह मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक दृष्टि को जाग्रत करता है।


📌 3. बीज मंत्र साधना (Bija Mantra Chanting – "OM")

✅ किसी शांत स्थान पर बैठकर "ॐ" (OM) मंत्र का जाप करें
✅ गहरी सांस लें और "ॐ..." ध्वनि को गहराई से दोहराएँ।
✅ इसे 108 बार करें (कम से कम 10-15 मिनट तक)
✅ कंपन (Vibration) को तीसरी आँख पर महसूस करें

🔹 लाभ: यह आज्ञा चक्र को जाग्रत करता है और दिव्य ऊर्जा प्रदान करता है।


📌 4. आज्ञा चक्र के लिए योगासन (Yoga Asanas for Ajna Chakra)

बालासन (Child’s Pose) – मानसिक शांति लाता है।
मत्स्यासन (Fish Pose) – आज्ञा चक्र को सक्रिय करता है।
पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend) – शरीर को शुद्ध करता है।
सर्वांगासन (Shoulder Stand) – मस्तिष्क की ऊर्जा को बढ़ाता है।

🔹 लाभ: ये आसन आज्ञा चक्र की ऊर्जा को संतुलित और जाग्रत करते हैं


📌 5. आज्ञा चक्र के लिए प्राणायाम (Breathwork for Ajna Chakra)

अनुलोम-विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing) – चक्र को संतुलित करता है।
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari – Humming Bee Breath) – मानसिक शांति लाता है।

🔹 लाभ: यह आज्ञा चक्र में ऊर्जा प्रवाह को बढ़ाता है और कुंडलिनी शक्ति को सक्रिय करता है


🔱 5️⃣ आज्ञा चक्र जागरण में सावधानियाँ (Precautions During Ajna Chakra Activation)

संतुलन बनाए रखें: अत्यधिक जागरण से मानसिक भ्रम, सिरदर्द और चिंता हो सकती है।
अति न करें: बहुत तेज़ी से जागरण करने से अनिद्रा उत्पन्न हो सकती है।
सही आहार लें: हल्का और सात्त्विक भोजन करें।
गुरु का मार्गदर्शन लें: बिना अनुभव के कुंडलिनी साधना न करें।


🌟 निष्कर्ष – आज्ञा चक्र जागरण का रहस्य

आज्ञा चक्र जागरण से व्यक्ति दिव्य दृष्टि, भविष्यदर्शन और आत्मज्ञान प्राप्त करता है।
मंत्र जाप, ध्यान, त्राटक और प्राणायाम से इसे जाग्रत किया जा सकता है।
संतुलित साधना और गुरु के मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करना चाहिए।

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