शनिवार, 11 जून 2022

सर्वज्ञत्व (Sarvajnata) – Omniscience (सर्वज्ञता, सर्व ज्ञानी होने की क्षमता)

 

🔱 सर्वज्ञत्व (Sarvajnata) – Omniscience (सर्वज्ञता, सर्व ज्ञानी होने की क्षमता) 🌿✨

सर्वज्ञत्व सिद्धि या Omniscience एक अत्यधिक दिव्य और शक्तिशाली सिद्धि है, जो साधक को संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान प्राप्त करने और हर वस्तु, घटना, और स्थिति को पूर्ण रूप से समझने की क्षमता देती है।
🔹 यह सिद्धि साधक को भूत, वर्तमान, और भविष्य के सभी रहस्यों को जानने की शक्ति देती है।
🔹 साधक को यह सिद्धि सर्वव्यापी ज्ञान और असीमित बुद्धि प्रदान करती है, जिससे वह समग्र ब्रह्मांड, जीवन के गहरे सत्य और हर व्यक्ति के मन को जान सकता है।

अब हम सर्वज्ञत्व सिद्धि के रहस्यों, इसके प्रभाव, ऐतिहासिक उदाहरणों और साधना विधियों पर गहराई से चर्चा करेंगे।


🔱 1️⃣ सर्वज्ञत्व सिद्धि क्या है? (What is Sarvajnata?)

"सर्वज्ञत्व" का अर्थ है "सर्व ज्ञान" या "सर्वज्ञ होने की शक्ति"
✔ इस सिद्धि के द्वारा साधक सम्पूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान प्राप्त करता है, और उसे किसी भी व्यक्ति, वस्तु या घटना का पूर्ण और स्पष्ट रूप से ज्ञान हो जाता है।
✔ साधक को भूतकाल, वर्तमान, और भविष्य के सभी रहस्यों का ज्ञान प्राप्त होता है।
✔ इस सिद्धि को प्राप्त करने वाला साधक सर्वज्ञ (All-Knowing) बन जाता है, यानी वह किसी भी विषय में अनजान नहीं रहता।

👉 "श्रीमद्भागवत" में कहा गया है:
"सर्वज्ञता वह शक्ति है, जिससे साधक हर स्थान, हर समय और हर परिस्थिति को जान सकता है।"

🔹 इस सिद्धि के माध्यम से साधक सत्य, ज्ञान, और ब्रह्मांडीय शक्ति को समझता है और उसका उपयोग करता है।


🔱 2️⃣ सर्वज्ञत्व सिद्धि के अद्भुत प्रभाव (Magical Effects of Sarvajnata Siddhi)

भूत, वर्तमान, और भविष्य का ज्ञान (Knowledge of Past, Present, and Future) – साधक किसी भी समय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है, चाहे वह भूतकाल हो, वर्तमान हो या भविष्य हो।
प्रकृति और ब्रह्मांड के गहरे रहस्यों का ज्ञान (Knowledge of Nature & Cosmic Secrets) – साधक संपूर्ण ब्रह्मांड और उसकी प्रक्रियाओं को समझ सकता है
किसी के विचारों को जानना (Reading Minds) – साधक दूसरों के मन की बातों और विचारों को जान सकता है
जीवन के सभी प्रश्नों का उत्तर (Answers to All Life’s Questions) – साधक हर जीवन समस्या का समाधान जान सकता है।
सभी तंत्र और विज्ञान का ज्ञान (Knowledge of All Sciences and Techniques) – साधक हर शास्त्र, कला, विज्ञान और तंत्र का पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकता है।


🔱 3️⃣ सर्वज्ञत्व सिद्धि प्राप्त करने वाले ऐतिहासिक महापुरुष

📌 1. भगवान श्री कृष्ण और सर्वज्ञत्व सिद्धि

🔹 भगवान श्री कृष्ण ने अपनी सर्वज्ञत्व सिद्धि का प्रदर्शन अर्जुन को विराट रूप दिखाकर किया, जिसमें अर्जुन ने संपूर्ण ब्रह्मांड को कृष्ण के शरीर में समाहित होते हुए देखा।
🔹 कृष्ण ने अर्जुन को अपने दिव्य रूप के माध्यम से यह दिखाया कि वे सर्वज्ञ हैं और सब कुछ जानते हैं।

👉 "भगवद गीता" (अध्याय 11, श्लोक 10-11):
"पश्य मे योगमैश्वरम्, सर्वे देवाः सृष्टि संहारकाः।"
(अर्जुन, देखो मेरी योगशक्ति, सम्पूर्ण देवता और ब्रह्मा के संहारक रूपों को।)


📌 2. ऋषि व्यास और सर्वज्ञत्व सिद्धि

🔹 ऋषि व्यास को सर्वज्ञत्व सिद्धि प्राप्त थी, जिससे उन्होंने महाभारत, वेदों और अन्य शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त किया।
🔹 वे सभी घटनाओं, भविष्य और अतीत के गूढ़ रहस्यों को जान सकते थे।

👉 "महाभारत" में उल्लेख है:
"व्यास जी ने अपनी दिव्य दृष्टि से सम्पूर्ण ब्रह्मांड को देखा और सब कुछ जान लिया।"


📌 3. संत सूरदास और सर्वज्ञत्व सिद्धि

🔹 संत सूरदास ने भक्ति के द्वारा और अपनी सर्वज्ञत्व सिद्धि से भगवान श्री कृष्ण के अदृश्य रूप को पहचाना और उसे आत्मसात किया।
🔹 उन्होंने अपने गानों और भजनों में हर तत्व का गूढ़ ज्ञान दिया, जो केवल उन्हें ही प्राप्त था।

👉 "सूरदास जी के पदों" में लिखा गया है:
"सूरदास जी ने भगवान कृष्ण के परम रूप को अपनी दिव्य दृष्टि से देखा और उसकी गहरी समझ प्राप्त की।"


🔱 4️⃣ सर्वज्ञत्व सिद्धि प्राप्त करने की साधना (Practices to Attain Sarvajnata Siddhi)

📌 1. सहस्रार चक्र और कुंडलिनी जागरण (Sahasrara Chakra & Kundalini Awakening)

सर्वज्ञत्व सिद्धि का संबंध "सहस्रार चक्र" (Crown Chakra) से है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और परम ज्ञान की प्राप्ति का केंद्र होता है।
✔ जब यह चक्र पूरी तरह जाग्रत हो जाता है, तब साधक को सम्पूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान प्राप्त होता है।

कैसे करें?
सहस्रार चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
कुंडलिनी जागरण के लिए प्राणायाम और ध्यान करें।
"ॐ सर्वज्ञता ह्रीं स्वाहा" मंत्र का जाप करें।


📌 2. ध्यान साधना (Meditation Practice)

✔ गहरी ध्यान साधना से साधक मन की गति को नियंत्रित कर सकता है और सर्वज्ञत्व को जाग्रत कर सकता है।
✔ साधक को किसी भी प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने के लिए अपनी मानसिक शक्ति को नियंत्रित करना होता है।

कैसे करें?
✔ शांत स्थान पर बैठें और आध्यात्मिक ध्यान में लीन हो जाएं।
✔ महसूस करें कि आपकी मानसिक शक्ति पूरी ब्रह्मांड के ज्ञान में समाहित है
✔ प्रतिदिन ध्यान की 30-45 मिनट की साधना करें।


📌 3. मंत्र साधना (Mantra Chanting for Sarvajnata Siddhi)

✔ विशिष्ट मंत्रों के जप से सर्वज्ञत्व सिद्धि जाग्रत की जा सकती है

मंत्र:
"ॐ सर्वज्ञत्व ह्रीं स्वाहा"
"ॐ नमः शिवाय सर्वज्ञाय"
✔ इन मंत्रों का रोज़ 108 बार जाप करें
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 3-6 बजे) में साधना करें


📌 4. प्राणायाम और श्वास साधना (Pranayama & Breath Control)

प्राणायाम और श्वास साधना से मन को शांत और तेज़ किया जा सकता है, जिससे ज्ञान की प्राप्ति होती है।
भ्रामरी, अनुलोम-विलोम और कपालभाति प्राणायाम से मानसिक शक्ति और ऊर्जा बढ़ सकती है।

कैसे करें?
भ्रामरी प्राणायाम – श्वास को गहरी और लंबी गति से लें।
कपालभाति प्राणायाम – मानसिक ऊर्जा को तेज़ करें।


🔱 5️⃣ सर्वज्ञत्व सिद्धि प्राप्त करने के लिए आवश्यक नियम (Rules for Attaining Sarvajnata Siddhi)

गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – बिना संयम के सिद्धियाँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।
सात्त्विक आहार लें – शरीर को शुद्ध रखें।
सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का पालन करें।


🌟 निष्कर्ष – सर्वज्ञत्व सिद्धि प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य

सर्वज्ञत्व सिद्धि साधक को सम्पूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान प्राप्त करने की शक्ति देती है।
भगवान श्री कृष्ण, ऋषि व्यास और संत सूरदास ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।
कुंडलिनी जागरण, सहस्रार चक्र ध्यान, मंत्र जाप और ध्यान साधना से इसे प्राप्त किया जा सकता है।
गुरु के बिना इस सिद्धि को प्राप्त करना अत्यंत कठिन है।

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