शनिवार, 9 अप्रैल 2022

प्राप्ति सिद्धि (Prapti Siddhi) – इच्छानुसार किसी भी स्थान पर जाने और वस्तु को प्राप्त करने की शक्ति

 

🔱 प्राप्ति सिद्धि (Prapti Siddhi) – इच्छानुसार किसी भी स्थान पर जाने और वस्तु को प्राप्त करने की शक्ति 🧘‍♂️✨

प्राप्ति सिद्धि भारतीय योग और तंत्र में वर्णित आठ महाशक्तियों (अष्ट सिद्धियाँ) में से एक है।
🔹 इस सिद्धि से साधक को किसी भी स्थान पर तत्काल पहुँचने और किसी भी वस्तु को प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
🔹 प्राप्ति सिद्धि से व्यक्ति टेलीपोर्टेशन (Teleportation), दूरदर्शन (Remote Vision), और दूरस्थ वस्तुओं को प्राप्त करने (Materialization of Objects) में सक्षम हो जाता है।

अब हम प्राप्ति सिद्धि के रहस्यों, इसे प्राप्त करने की साधनाओं और ऐतिहासिक उदाहरणों पर गहराई से चर्चा करेंगे।


🔱 1️⃣ प्राप्ति सिद्धि क्या है? (What is Prapti Siddhi?)

"प्राप्ति" का अर्थ है "प्राप्त करना", और "सिद्धि" का अर्थ है "अलौकिक शक्ति"
✔ इस सिद्धि से साधक किसी भी स्थान पर तुरंत जा सकता है और इच्छित वस्तु को अपनी ओर खींच सकता है।
✔ इसे "स्पेस एंड टाइम ट्रांसेंडेंस" (Space & Time Transcendence) भी कहा जाता है।

👉 श्रीमद्भागवत (11.15.3) में कहा गया है:
"अणिमा महिमा चैव लघिमा गरिमा तथा। प्राप्तिः प्राकाम्यमीशित्वं वशित्वं चाष्ट सिद्धयः॥"
(अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिद्धियाँ हैं।)

🔹 प्राप्ति सिद्धि प्राप्त करने वाला साधक अपने शरीर या चेतना को कहीं भी तुरंत भेज सकता है और किसी भी वस्तु को कहीं से भी प्राप्त कर सकता है।


🔱 2️⃣ प्राप्ति सिद्धि के अद्भुत प्रभाव (Magical Effects of Prapti Siddhi)

टेलीपोर्टेशन (Instant Travel to Any Location) – साधक किसी भी स्थान पर तुरंत पहुँच सकता है।
दूरदर्शन (Remote Viewing & Clairvoyance) – दूर की चीज़ों को देख सकता है और सुन सकता है।
भौतिक वस्तुओं को अपनी ओर खींचना (Materialization of Objects) – दूरस्थ वस्तुओं को अपने पास ला सकता है।
भविष्य और अतीत को देखना (Seeing Past & Future Events) – समय की सीमाओं को लांघ सकता है।
किसी भी स्थान पर प्रवेश (Entering Any Location at Will) – किसी भी बंद दरवाजे या किले में बिना बाधा प्रवेश कर सकता है।


🔱 3️⃣ प्राप्ति सिद्धि प्राप्त करने वाले ऐतिहासिक महापुरुष

📌 1. श्रीकृष्ण और प्राप्ति सिद्धि

🔹 जब द्रौपदी को वस्त्रहरण के समय कौरवों ने अपमानित किया, तब श्रीकृष्ण ने अपनी प्राप्ति सिद्धि से काशी से वस्त्र लाकर द्रौपदी को प्रदान कर दिए।
🔹 श्रीकृष्ण ने भीम को जल की आवश्यकता पड़ने पर जल को तुरंत प्रकट कर दिया।

👉 "महाभारत" में वर्णन है:
"कृष्णः प्राप्ति सिद्धिं धारयते, यत्र तत्र वस्तूनि सम्प्राप्यति।"
(कृष्ण प्राप्ति सिद्धि रखते थे, जिससे वे किसी भी वस्तु को कहीं से भी प्राप्त कर सकते थे।)


📌 2. नारद मुनि और प्राप्ति सिद्धि

🔹 नारद मुनि को यह सिद्धि प्राप्त थी, जिससे वे किसी भी लोक (स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल) में तुरंत जा सकते थे।
🔹 वे ब्रह्मलोक, कैलाश और वैकुंठ में बिना किसी बाधा के जा सकते थे।

👉 "भागवत पुराण" में कहा गया है:
"नारदः लोकान्तर गमनं प्राप्ति सिद्ध्या करिष्यति।"
(नारद अपनी प्राप्ति सिद्धि से लोकों में यात्रा कर सकते थे।)


📌 3. संत गोरखनाथ और प्राप्ति सिद्धि

🔹 संत गोरखनाथ ने प्राप्ति सिद्धि का उपयोग करके अपने शिष्यों के लिए दूर से भोजन और औषधियाँ मंगवाई थीं।
🔹 उन्होंने अपने शिष्यों को इस सिद्धि की साधना करवाई थी।

👉 "नाथ संप्रदाय ग्रंथ" में कहा गया है:
"गोरक्ष योगी प्राप्ति योगेन वस्तूनि समाहितवान्।"
(गोरखनाथ ने प्राप्ति सिद्धि से वस्तुओं को प्रकट किया।)


🔱 4️⃣ प्राप्ति सिद्धि प्राप्त करने की साधना (Practices to Attain Prapti Siddhi)

📌 1. आज्ञा चक्र और कुंडलिनी जागरण (Ajna Chakra & Kundalini Awakening)

प्राप्ति सिद्धि का संबंध "आज्ञा चक्र" (Third Eye Chakra) से है।
✔ जब यह चक्र पूरी तरह जाग्रत हो जाता है, तब व्यक्ति अपने मन को किसी भी स्थान पर केंद्रित कर सकता है और अपनी चेतना को वहाँ भेज सकता है।

कैसे करें?
✔ आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
✔ कुंडलिनी जागरण के लिए त्राटक ध्यान और अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।
सिद्धासन में बैठकर "ॐ प्राप्ति सिद्धि ह्रीं स्वाहा।" का जप करें।


📌 2. "स्थानांतरण ध्यान" (Teleportation Meditation Technique)

✔ यह ध्यान साधना शरीर और मन को किसी भी स्थान पर भेजने के लिए की जाती है।

कैसे करें?
✔ शांत स्थान पर बैठें और अपनी चेतना को किसी दूरस्थ स्थान पर भेजने की कल्पना करें।
✔ महसूस करें कि आपका अस्तित्व वहाँ पहुँच चुका है और वहाँ की चीज़ों को देख, सुन और महसूस कर सकते हैं।
✔ प्रतिदिन 30-60 मिनट इस ध्यान का अभ्यास करें।


📌 3. मंत्र साधना (Mantra Chanting for Prapti Siddhi)

✔ विशिष्ट मंत्रों से प्राप्ति सिद्धि जाग्रत की जा सकती है।

मंत्र:
"ॐ प्राप्ति सिद्धि ह्रीं स्वाहा।"
✔ इस मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करें
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 3-6 बजे) में साधना करें।


📌 4. अष्टांग योग और प्राणायाम (Ashtanga Yoga & Pranayama)

अष्टांग योग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) का पालन करें।
आज्ञा चक्र को सक्रिय करने के लिए ध्यान करें।

कैसे करें?
त्राटक साधना (दीपक को देखकर ध्यान) करें।
अनुलोम-विलोम और भ्रूमध्य ध्यान करें।


🔱 5️⃣ प्राप्ति सिद्धि प्राप्त करने के लिए आवश्यक नियम (Rules for Attaining Prapti Siddhi)

गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – बिना संयम के सिद्धियाँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।
सात्त्विक आहार लें – शरीर को शुद्ध रखें।
सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का पालन करें।


🌟 निष्कर्ष – प्राप्ति सिद्धि प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य

प्राप्ति सिद्धि साधक को किसी भी स्थान पर तत्काल पहुँचने और वस्तुओं को प्राप्त करने की शक्ति देती है।
श्रीकृष्ण, नारद मुनि और गोरखनाथ ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।
कुंडलिनी जागरण, आज्ञा चक्र ध्यान, मंत्र जाप और प्राणायाम से इसे प्राप्त किया जा सकता है।
गुरु के बिना इस सिद्धि को प्राप्त करना अत्यंत कठिन है।

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