शनिवार, 4 सितंबर 2021

श्री श्री रविशंकर: आर्ट ऑफ लिविंग

 आर्ट ऑफ लिविंग (Art of Living) एक विश्वव्यापी आध्यात्मिक और सामाजिक संस्था है, जिसकी स्थापना श्री श्री रविशंकर ने 1981 में की थी। इसका उद्देश्य मानव जीवन में शांति, खुशी, और संतुलन लाना है। यह संस्था योग, ध्यान, सांस की तकनीकें, और समाज सेवा के माध्यम से लोगों को उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करती है। आर्ट ऑफ लिविंग का दृष्टिकोण आध्यात्मिकता, मानसिक शांति, और सामाजिक जिम्मेदारी को जोड़ने का है, ताकि एक बेहतर और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके।

आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख तत्व:

  1. सुदर्शन क्रिया (Sudarshan Kriya): सुदर्शन क्रिया एक प्रमुख ध्यान और श्वास नियंत्रण तकनीक है, जिसे श्री श्री रविशंकर ने विकसित किया। यह श्वास की गति और लय को नियंत्रित करने की प्रक्रिया है, जो मानसिक शांति, शारीरिक ताजगी, और तनाव मुक्ति में मदद करती है। यह तकनीक व्यक्ति को दिमागी शांति, सकारात्मकता, और ऊर्जा प्रदान करती है। सुदर्शन क्रिया का अभ्यास करने से तनाव, चिंता, और थकान कम होती है और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।

  2. योग और ध्यान: आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में योग और ध्यान की महत्ता है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है, और ध्यान द्वारा व्यक्ति आत्मिक शांति और अंदरूनी संतुलन प्राप्त कर सकता है। ध्यान और योग के माध्यम से लोग अपने भीतर की सकारात्मक ऊर्जा को महसूस कर सकते हैं और जीवन के संघर्षों से निपटने के लिए मानसिक रूप से सशक्त बन सकते हैं।

  3. मानवता की सेवा: आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में केवल आध्यात्मिकता ही नहीं, बल्कि मानव सेवा का भी महत्वपूर्ण स्थान है। संस्था ने समाज सेवा के कई प्रकल्प चलाए हैं, जैसे:

    • शिक्षा: आर्ट ऑफ लिविंग ने विभिन्न देशों में शिक्षा के क्षेत्र में कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें बच्चों को जीवन की महत्वपूर्ण बातें और सामाजिक उत्तरदायित्व सिखाने के लिए कक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
    • स्वास्थ्य: संस्था ने स्वास्थ्य शिविरों और कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के उपाय बताए हैं, जिसमें मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य पर जोर दिया जाता है।
    • विकास और पुनर्निर्माण: आर्ट ऑफ लिविंग ने प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत कार्य भी किए हैं और गरीब और पिछड़े क्षेत्रों में विकास कार्य किया है।
  4. धार्मिक सहिष्णुता: आर्ट ऑफ लिविंग की दृष्टि सभी धर्मों और संस्कृतियों के बीच धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने की है। इसके संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने हमेशा यह संदेश दिया है कि ईश्वर एक है और सभी धर्मों का उद्देश्य शांति और प्रेम फैलाना है। इस दृष्टिकोण से आर्ट ऑफ लिविंग ने कई अंतरधार्मिक संवादों और कार्यशालाओं का आयोजन किया है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग एकत्र होकर शांति और सामूहिक सद्भाव के लिए काम करते हैं।

  5. सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण संरक्षण: आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कई अभियान चलाए हैं, जैसे वृक्षारोपण कार्यक्रम, जल संरक्षण, और स्वच्छता अभियान। इन अभियानों के जरिए संस्था ने समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और लोगों को स्वच्छता और संवेदनशीलता की दिशा में मार्गदर्शन किया है।

आर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख कार्यक्रम:

  1. अवधान शिविर (The Happiness Program): यह आर्ट ऑफ लिविंग का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे दुनिया भर में लाखों लोग हिस्सा लेते हैं। इसमें लोग सुदर्शन क्रिया, योग, और ध्यान की तकनीकों का अभ्यास करते हैं। यह कार्यक्रम मानसिक शांति, तनाव मुक्ति, और खुश रहने की कला सिखाता है।

  2. युवा कार्यक्रम (YES!+ Program): यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें जीवन के उद्देश्य, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, और आत्म-सम्मान की दिशा में कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। युवाओं को अपने जीवन को अधिक सकारात्मक और खुशहाल बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

  3. आध्यात्मिक कार्यक्रम और ध्यान (Art of Silence): यह एक गहरे ध्यान और आत्मनिरीक्षण का कार्यक्रम है। इसमें लोग अपने भीतर की गहराइयों में जाकर ध्यान करते हैं और आत्मा की शांति की ओर मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। यह कार्यक्रम मानसिक तनाव से मुक्ति और आत्मा के साथ एकता महसूस करने में मदद करता है।

  4. दीक्षा और जीवन को समझना: आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रमों में दीक्षा के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक जीवन की दिशा में मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके द्वारा, व्यक्ति अपने जीवन को उच्चतम आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति में पहुँचाने की प्रक्रिया को समझता है।

आर्ट ऑफ लिविंग के सिद्धांत:

  1. संतुलन: जीवन को संतुलित तरीके से जीने की कला है। इसका अर्थ है कि हम अपने भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखें।

  2. प्रेम और करुणा: प्रेम और करुणा को जीवन का मूल सिद्धांत माना जाता है। दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है।

  3. आध्यात्मिकता: आध्यात्मिकता का उद्देश्य केवल आत्मज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति को प्रेम, शांति, और सेवा का अनुभव कराना है।

  4. सकारात्मक दृष्टिकोण: आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रमों में यह सिखाया जाता है कि हमें जीवन के हर पहलू को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, ताकि हम मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष:

आर्ट ऑफ लिविंग एक जीवन को अधिक खुशहाल और तनाव मुक्त बनाने की दिशा में काम करने वाली संस्था है। श्री श्री रविशंकर ने इसके माध्यम से लाखों लोगों को आध्यात्मिक विकास, मानसिक शांति, और शारीरिक स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन किया है। इसका उद्देश्य सिर्फ व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाना नहीं, बल्कि समाज में शांति और सहिष्णुता का संदेश फैलाना है।

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