शनिवार, 12 जून 2021

संत एकनाथ

 संत एकनाथ (1533–1599) महाराष्ट्र के महान संत, कवि, और भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे। वे वारकरी परंपरा के अनुयायी थे और भगवान विठोबा (विठ्ठल) के परम भक्त थे। संत एकनाथ ने समाज सुधार, भक्ति, और आध्यात्मिक साहित्य के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया। वे अपने सरल, परोपकारी और समाज को जोड़ने वाले विचारों के लिए आज भी पूजनीय हैं।


जीवन परिचय:

  • संत एकनाथ का जन्म 1533 में महाराष्ट्र के पैठण नामक स्थान पर हुआ था। उनका परिवार धार्मिक और भक्ति से जुड़ा हुआ था।
  • वे बचपन से ही धर्म, भक्ति और अध्यात्म की ओर आकर्षित थे। संत एकनाथ ने स्वामी जनार्दन स्वामी को अपना गुरु बनाया और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया।
  • उनका जीवन सादगी, समर्पण, और समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण था। उन्होंने जाति, धर्म, और वर्ग भेदभाव के खिलाफ काम किया और समानता और एकता का संदेश दिया।

भक्ति और शिक्षाएँ:

संत एकनाथ ने अपने पदों और कार्यों के माध्यम से समाज में सामाजिक सुधार, समानता, और ईश्वर के प्रति प्रेम का संदेश दिया। उन्होंने जातिगत भेदभाव को नकारते हुए यह सिखाया कि सच्ची भक्ति से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव है।

उनकी प्रमुख शिक्षाएँ थीं:

  1. सामाजिक समानता:

    • संत एकनाथ ने सभी जातियों और वर्गों को समान माना। वे दलितों और वंचितों के प्रति अत्यधिक करुणा और सम्मान का भाव रखते थे।
    • उन्होंने ऊँच-नीच, जात-पात और धार्मिक आडंबरों के खिलाफ आवाज उठाई।
  2. वारकरी परंपरा:

    • संत एकनाथ वारकरी संप्रदाय के अनुयायी थे और उन्होंने भक्ति के सरल और सच्चे मार्ग को प्रोत्साहित किया। उनकी भक्ति भगवान विठोबा (पंढरपुर के विठ्ठल) के प्रति समर्पित थी।
  3. भक्ति का सरल मार्ग:

    • उनका मानना था कि भक्ति को किसी जटिल प्रक्रिया या कर्मकांड की आवश्यकता नहीं है। ईश्वर को प्रेम और सच्चे हृदय से पुकारा जाए तो वे अवश्य सुनते हैं।
  4. अहंकार का त्याग:

    • उन्होंने अहंकार, क्रोध, और लोभ से दूर रहने की शिक्षा दी। उनका कहना था कि मनुष्य को विनम्र रहकर ईश्वर का नाम जपना चाहिए।
  5. समाज सेवा:

    • उन्होंने शिक्षा, धार्मिक सुधार और सामाजिक समानता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना उनकी प्रमुख प्राथमिकता थी।

साहित्य और कृतियाँ:

संत एकनाथ ने अपने विचारों को साहित्य के माध्यम से व्यक्त किया। उनकी रचनाएँ मराठी भाषा में लिखी गईं और इनका प्रमुख उद्देश्य भगवान के प्रति भक्ति, समाज सुधार और अध्यात्म का प्रचार करना था।

उनकी प्रमुख रचनाएँ:

  1. एकनाथी भागवत:

    • यह संत एकनाथ की सबसे प्रसिद्ध कृति है, जिसमें उन्होंने भागवत पुराण के 11वें स्कंध की व्याख्या की है। इसे मराठी में सरल और सुलभ भाषा में लिखा गया, जिससे आम जनता इसे समझ सके।
  2. भावार्थ रामायण:

    • उन्होंने रामायण का मराठी अनुवाद लिखा, जिसे भावार्थ रामायण कहा जाता है। यह रामायण भगवान राम के आदर्श जीवन को सरल तरीके से प्रस्तुत करता है।
  3. अभंग और गवळणी:

    • संत एकनाथ ने भगवान विठोबा और समाज के लिए कई अभंग (भक्ति गीत) और गवळणी (गायन) लिखे। इन गीतों में भक्ति का सुंदर भाव होता है।
  4. रुक्मिणी स्वयंवर:

    • यह उनकी एक और महत्वपूर्ण कृति है, जिसमें उन्होंने भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का वर्णन किया।

प्रसिद्ध घटनाएँ:

  1. पवित्रता और धैर्य:

    • एक बार संत एकनाथ को एक उच्च जाति के व्यक्ति ने गुस्से में उन पर पानी फेंक दिया। इसके जवाब में संत एकनाथ ने बिना क्रोध किए नदी से पानी लाकर उस व्यक्ति पर फिर से छिड़का और कहा, "आपकी कृपा से मैं पवित्र हो गया।"
    • इस घटना ने उनकी विनम्रता और धैर्य को दिखाया।
  2. सामाजिक समरसता का उदाहरण:

    • एकनाथ ने सभी जातियों को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों को भक्ति के समान अवसर देने के लिए प्रयास किया।
  3. भूखे व्यक्ति की मदद:

    • एक बार वे भगवान विठोबा की पूजा के लिए भोजन बना रहे थे, लेकिन तभी एक भूखा व्यक्ति उनके पास आया। एकनाथ ने अपना सारा भोजन उस भूखे व्यक्ति को दे दिया और इसे ही सच्ची पूजा माना।

संत एकनाथ की मृत्यु:

संत एकनाथ ने 1599 में अपने जीवन का देह त्याग किया। उनकी समाधि महाराष्ट्र के पैठण में स्थित है। उनके समाधि स्थल पर हर साल हजारों भक्त उनकी शिक्षाओं को याद करने के लिए आते हैं।


संत एकनाथ का योगदान:

  1. सामाजिक सुधारक:

    • उन्होंने समाज में जातिवाद, धार्मिक कट्टरता, और ऊँच-नीच की अवधारणाओं को खत्म करने के लिए काम किया।
  2. भक्ति आंदोलन को प्रोत्साहन:

    • संत एकनाथ ने भक्ति को सरल और सभी के लिए सुलभ बनाया। उन्होंने अपने अभंगों और कीर्तन के माध्यम से भगवान के नाम का प्रचार किया।
  3. साहित्यिक योगदान:

    • उनकी रचनाएँ आज भी भक्ति साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान के प्रति प्रेम और समाज सुधार के संदेश दिए।

निष्कर्ष:

संत एकनाथ का जीवन भक्ति, समाज सेवा, और मानवता की मिसाल है। उनकी शिक्षाएँ आज भी हमें सिखाती हैं कि भक्ति में समानता और सरलता होनी चाहिए। उनके भक्ति गीत और साहित्य लोगों के दिलों में भक्ति और सद्भावना का संचार करते हैं। संत एकनाथ ने जिस समाज की कल्पना की थी, वह प्रेम, करुणा और समानता पर आधारित था।

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