गौतम बुद्ध (563 ईसा पूर्व – 483 ईसा पूर्व) विश्वभर में बौद्ध धर्म के प्रवर्तक और महान आध्यात्मिक गुरु के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्हें "बुद्ध" कहा जाता है, जिसका अर्थ है "जागृत" या "प्रबुद्ध"। उन्होंने अपने ज्ञान और शिक्षाओं के माध्यम से लाखों लोगों को आत्मज्ञान, करुणा और अहिंसा का मार्ग दिखाया। गौतम बुद्ध का जीवन सत्य की खोज और मानवता के कल्याण के लिए समर्पित था।
गौतम बुद्ध का जीवन परिचय:
1. जन्म:
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान में नेपाल में) में एक शाक्य कुल में हुआ।
- उनका मूल नाम सिद्धार्थ था।
- उनके पिता शुद्धोधन कपिलवस्तु के शाक्य गणराज्य के राजा थे, और माता मायादेवी शाक्यवंश की रानी थीं।
- उनकी माता का निधन जन्म के कुछ दिनों बाद हो गया, और उनका पालन-पोषण उनकी मौसी महाप्रजापति गौतमी ने किया।
2. राजकुमार सिद्धार्थ:
- सिद्धार्थ बचपन से ही बुद्धिमान, संवेदनशील और करुणामय थे।
- युवावस्था में उनका विवाह यशोधरा से हुआ और उन्हें एक पुत्र राहुल हुआ।
- राजमहल में सुख-सुविधाओं के बीच जीवन बिताते हुए भी सिद्धार्थ को संसार की नश्वरता और दुख की अनुभूति थी।
3. संन्यास और ज्ञान की खोज:
- एक दिन महल के बाहर जाते समय उन्होंने चार दृश्यों को देखा:
- एक वृद्ध व्यक्ति
- एक बीमार व्यक्ति
- एक मृत व्यक्ति
- एक सन्यासी
- इन दृश्यों ने उन्हें जीवन के दुख और अस्थिरता का एहसास कराया।
- 29 वर्ष की आयु में उन्होंने राजमहल, परिवार और सांसारिक सुखों को त्यागकर सत्य और ज्ञान की खोज के लिए संन्यास ले लिया।
4. तपस्या और ध्यान:
- सिद्धार्थ ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की, लेकिन इससे उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त नहीं हुआ।
- अंततः उन्होंने तपस्या का मार्ग छोड़कर ध्यान और मध्यम मार्ग (मध्यमार्ग) अपनाया।
5. ज्ञान की प्राप्ति:
- बोधगया (बिहार) में पीपल के वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए, 35 वर्ष की आयु में उन्हें बोधि (ज्ञान) की प्राप्ति हुई।
- वे गौतम बुद्ध कहलाए, जिसका अर्थ है "प्रबुद्ध"।
- जिस वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ, उसे बोधि वृक्ष कहा जाता है।
गौतम बुद्ध की शिक्षाएं:
गौतम बुद्ध ने अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर संसार को दुखों से मुक्त होने का मार्ग बताया। उनकी शिक्षाएं सरल, व्यावहारिक और सार्वभौमिक हैं।
1. चार आर्य सत्य (Four Noble Truths):
- संसार में दुख है।
- दुख का कारण तृष्णा (इच्छा) है।
- तृष्णा का अंत करने से दुख समाप्त हो सकता है।
- दुख को समाप्त करने का मार्ग आष्टांगिक मार्ग है।
2. आष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path):
- बुद्ध ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए आठ मार्ग बताए:
- सम्यक दृष्टि (सही दृष्टिकोण)
- सम्यक संकल्प (सही विचार)
- सम्यक वाणी (सही भाषण)
- सम्यक कर्म (सही कर्म)
- सम्यक आजीविका (सही आजीविका)
- सम्यक प्रयास (सही प्रयास)
- सम्यक स्मृति (सही ध्यान)
- सम्यक समाधि (सही एकाग्रता)
3. मध्यम मार्ग (Middle Path):
- बुद्ध ने अति-सुख और अति-कष्ट, दोनों से बचने का मार्ग बताया।
- मध्यम मार्ग जीवन में संतुलन और शांति लाने का उपाय है।
4. अहिंसा और करुणा:
- बुद्ध ने सभी जीवों के प्रति अहिंसा और करुणा का प्रचार किया।
5. अनित्य और अनात्मा:
- संसार में सब कुछ अनित्य (नश्वर) है।
- आत्मा या स्थायी अस्तित्व का कोई स्वरूप नहीं है।
6. निर्वाण (Moksha):
- बुद्ध ने निर्वाण को दुखों के अंत और आत्मज्ञान की अवस्था बताया।
- यह संसार के जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति है।
बौद्ध संघ और धर्म प्रचार:
- गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को संगठित करने के लिए बौद्ध संघ की स्थापना की।
- उन्होंने विभिन्न स्थानों की यात्रा की और धर्म का प्रचार किया।
- उनके प्रमुख शिष्य आनंद, महाकश्यप, सारिपुत्र और मोद्गल्यायन थे।
- उनके उपदेश पाली भाषा में त्रिपिटक नामक ग्रंथों में संकलित किए गए।
बुद्ध का महापरिनिर्वाण:
- 80 वर्ष की आयु में 483 ईसा पूर्व में गौतम बुद्ध ने कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया।
- उनके निर्वाण दिवस को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
गौतम बुद्ध का योगदान:
-
धर्म और दर्शन:
- उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की, जो अहिंसा, करुणा और सत्य पर आधारित है।
- उनका दर्शन आज भी प्रासंगिक है।
-
सामाजिक सुधार:
- उन्होंने जातिवाद और अंधविश्वास का खंडन किया।
- उन्होंने समानता और मानवता का संदेश दिया।
-
शिक्षा का प्रसार:
- उन्होंने धर्म और शिक्षा को जनसामान्य तक पहुंचाया।
गौतम बुद्ध का प्रभाव:
- आज बौद्ध धर्म विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है।
- उनकी शिक्षाएं भारत, नेपाल, श्रीलंका, तिब्बत, जापान, थाईलैंड और अन्य देशों में व्यापक रूप से फैलीं।
- उनके जीवन और शिक्षाएं शांति, करुणा और मानवता का प्रतीक हैं।
गौतम बुद्ध ने मानवता को दुखों से मुक्त होने का मार्ग दिखाया और दुनिया को एक नई चेतना प्रदान की। उनका जीवन और दर्शन आज भी सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।