शनिवार, 3 अक्टूबर 2020

श्रीकृष्ण बाललीलाएँ

 श्रीकृष्ण की बाललीलाएँ उनके दिव्य व्यक्तित्व का परिचय कराती हैं और उनकी अलौकिक शक्तियों को प्रकट करती हैं। गोकुल और वृंदावन में उनके बचपन के समय की लीलाएँ अत्यंत मनोरम और शिक्षाप्रद हैं।

1. माखन चुराना और माखन चोर कहलाना

श्रीकृष्ण को बचपन से ही माखन बहुत प्रिय था। वे गोकुल की गोपियों के घर जाकर माखन चुराते थे। कई बार गोपियाँ उन्हें पकड़ने की कोशिश करतीं, लेकिन वे अपनी चतुराई और बाल सुलभ मासूमियत से बच निकलते।
महत्व: यह लीला सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों के प्रेम के लिए हर तरह की लीला कर सकते हैं।


2. तृणावर्त का वध

कंस ने गोकुल में श्रीकृष्ण को मारने के लिए एक असुर तृणावर्त को भेजा, जो प्रचंड आंधी का रूप लेकर आया। तृणावर्त ने कृष्ण को उठाकर आकाश में ले जाने का प्रयास किया, लेकिन कृष्ण ने उसका गला इतनी शक्ति से पकड़ा कि वह वहीं मरकर गिर पड़ा।
महत्व: यह लीला दर्शाती है कि भगवान अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं।


3. कालिया नाग का दमन

यमुना नदी में कालिया नामक विषैला नाग रहता था, जिससे नदी का पानी जहरीला हो गया था। जब गोकुलवासी इस समस्या से परेशान हुए, तो कृष्ण ने यमुना में जाकर कालिया नाग के फनों पर नृत्य किया और उसे नदी छोड़कर जाने को विवश कर दिया।
महत्व: यह लीला हमें सिखाती है कि अहंकारी और दुष्ट प्रवृत्तियों का नाश करने के लिए भगवान स्वयं अवतार लेते हैं।


4. गोपियों के वस्त्र हरण

श्रीकृष्ण ने एक बार गोपियों के वस्त्र चुराकर उन्हें पेड़ पर रख दिया। जब गोपियाँ उन्हें लेने आईं, तो कृष्ण ने कहा कि वे भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण का प्रतीक हैं और अपने अहंकार को त्यागकर ही उन्हें वस्त्र मिलेंगे।
महत्व: इस लीला का आध्यात्मिक अर्थ है कि आत्मा को परमात्मा के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित होना चाहिए।


5. गोवर्धन पर्वत उठाना

गोकुलवासी हर वर्ष इंद्र देव की पूजा करते थे। कृष्ण ने उन्हें समझाया कि गोवर्धन पर्वत और प्रकृति की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वे प्रत्यक्ष रूप से जीवन देते हैं। इंद्र ने क्रोधित होकर मूसलधार बारिश शुरू कर दी। कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों को आश्रय दिया।
महत्व: यह लीला सिखाती है कि अहंकार का त्याग और प्रकृति का सम्मान आवश्यक है।


6. पूतना वध

कंस ने कृष्ण को मारने के लिए पूतना नामक राक्षसी को भेजा। वह सुंदर स्त्री का रूप धारण करके गोकुल आई और कृष्ण को विषपान कराने का प्रयास किया। लेकिन कृष्ण ने उसकी छाती से प्राण निकाल लिए।
महत्व: भगवान भक्त और अभक्त दोनों को उनके कर्मों का फल देते हैं।


7. उखल बंधन (दामोदर लीला)

यशोदा मैया ने एक दिन कृष्ण को माखन चुराने के कारण ऊखल (जोड़ने की लकड़ी) से बांध दिया। बंधन में रहते हुए भी कृष्ण ने दो विशाल वृक्षों को गिरा दिया। ये वृक्ष वास्तव में नलकूबर और मणिग्रीव नामक देवता थे, जिन्हें शाप मिला था।
महत्व: यह लीला दर्शाती है कि भगवान अपने भक्तों को उनके बंधनों से मुक्त कर देते हैं।


8. धेनुकासुर और बकासुर का वध

धेनुकासुर और बकासुर जैसे राक्षसों को कंस ने कृष्ण को मारने के लिए भेजा। लेकिन कृष्ण और बलराम ने अपनी अलौकिक शक्तियों से उनका वध कर गोकुलवासियों को सुरक्षित किया।
महत्व: भगवान धर्म की स्थापना के लिए अधर्म का नाश करते हैं।


9. राधा-कृष्ण का प्रेम

कृष्ण और राधा का प्रेम दिव्यता और भक्ति का प्रतीक है। उनका प्रेम सांसारिक नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है। वृंदावन में रासलीला के माध्यम से उन्होंने भक्ति योग का संदेश दिया।
महत्व: राधा-कृष्ण का प्रेम भक्त और भगवान के शुद्ध, निश्छल और अनन्य प्रेम का आदर्श है।


श्रीकृष्ण की बाललीलाएँ न केवल उनकी अलौकिकता का परिचय कराती हैं, बल्कि यह सिखाती हैं कि जीवन में भक्ति, प्रेम, समर्पण और धर्म का पालन ही सबसे महत्वपूर्ण है।

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