शनिवार, 3 नवंबर 2018

सुश्रुत संहिता – शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का अद्भुत ग्रंथ

 

सुश्रुत संहिता – शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का अद्भुत ग्रंथ

सुश्रुत संहिता (Suśruta Saṁhitā) आयुर्वेद का एक महान ग्रंथ है, जिसे शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का मूल स्रोत माना जाता है। इसे आधुनिक सर्जरी का जनक कहा जाता है, क्योंकि इसमें सर्जरी (Shalya Tantra), हड्डियों की चिकित्सा (Shalakya Tantra), प्लास्टिक सर्जरी (राइनोप्लास्टी), शरीर विज्ञान (Anatomy), औषधियाँ और आहार-विहार का विस्तार से वर्णन है।

इस ग्रंथ के रचनाकार महान आयुर्वेदाचार्य ऋषि सुश्रुत (Sage Suśruta) हैं, जो भगवान धन्वंतरि के शिष्य थे। सुश्रुत संहिता को चरक संहिता के साथ-साथ आयुर्वेद के दो प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है।


🔹 सुश्रुत संहिता का संक्षिप्त परिचय

वर्गविवरण
ग्रंथ का नामसुश्रुत संहिता (Suśruta Saṁhitā)
रचनाकारऋषि सुश्रुत
मूल स्रोतधन्वंतरि परंपरा
मुख्य विषयशल्य चिकित्सा (सर्जरी), शरीर विज्ञान, औषधियाँ
संरचना6 खंड, 186 अध्याय
भाषासंस्कृत
महत्वविश्व की पहली सर्जरी गाइड
सम्बंधित ग्रंथचरक संहिता (काय चिकित्सा पर), अष्टांग हृदय (वाग्भट द्वारा)

👉 सुश्रुत संहिता में 1120 से अधिक रोगों, 700 औषधियों, 121 सर्जिकल उपकरणों और 300 से अधिक सर्जरी तकनीकों का वर्णन है।


🔹 सुश्रुत संहिता की संरचना

सुश्रुत संहिता में चिकित्सा विज्ञान को छह खंडों (संहिताओं) में विभाजित किया गया है:

खंड (संहिता)विषय
सूत्रस्थानचिकित्सा के मूल सिद्धांत, सर्जरी की परिभाषा
निदानस्थानरोगों के कारण, लक्षण और निदान की विधियाँ
शारीरस्थानशरीर रचना विज्ञान (Anatomy) और भ्रूण विकास
चिकित्सास्थानविभिन्न रोगों की चिकित्सा पद्धति
कल्पस्थानविष चिकित्सा, जहर का उपचार
सिद्धिस्थानसर्जरी की सफलता और उपचार विधियाँ

👉 सुश्रुत संहिता आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और सर्जरी के लिए मूलभूत ग्रंथ है।


🔹 सुश्रुत संहिता के प्रमुख विषय

1️⃣ शल्य चिकित्सा (सर्जरी) का विज्ञान

  • सुश्रुत संहिता शल्य चिकित्सा (Surgery) का सबसे प्राचीन ग्रंथ है।
  • इसमें प्राचीन भारत में सर्जरी की विभिन्न विधियों का वर्णन किया गया है।

📖 श्लोक (सुश्रुत संहिता, सूत्रस्थान 1.2)

"शस्त्रकर्म चतुर्विधं।"
📖 अर्थ: सर्जरी चार प्रकार की होती है।

🔹 सर्जरी के प्रकार:

  1. चेद्य कर्म – ट्यूमर या फोड़े-फुंसी को काटना।
  2. लेख्य कर्म – शरीर पर कट या चीरा लगाना।
  3. वेध्य कर्म – सुई या चुभने वाली चिकित्सा (Intravenous Therapy)।
  4. सिवनी कर्म – घाव को सिलना (Suturing)।

👉 सुश्रुत को "Plastic Surgery का जनक" भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने "Nose Reconstruction" (राइनोप्लास्टी) की विधि विकसित की थी।


2️⃣ शरीर विज्ञान (Anatomy) और भ्रूण विकास

  • सुश्रुत ने शरीर को "महा यंत्र" (एक जटिल मशीन) कहा और इसका गहन अध्ययन किया।
  • उन्होंने शरीर के 360 हड्डियों और जोड़ों, 700 मांसपेशियों, 24 नाड़ियों, 9 छिद्रों, और हृदय तंत्र का विस्तृत वर्णन किया।

📖 श्लोक (सुश्रुत संहिता, शारीरस्थान 5.4)

"शरीरं पंचमहाभूतात्मकं।"
📖 अर्थ: शरीर पांच महाभूतों (धरती, जल, अग्नि, वायु, आकाश) से बना है।

👉 सुश्रुत संहिता में मानव शरीर का सबसे पहला वैज्ञानिक अध्ययन मिलता है।


3️⃣ औषधियाँ और चिकित्सा विज्ञान

  • इसमें 700 से अधिक औषधियों और जड़ी-बूटियों का वर्णन है।
  • सुश्रुत ने "रसायन चिकित्सा" (Rejuvenation Therapy) और "विष चिकित्सा" (Toxicology) की भी जानकारी दी।

📖 श्लोक (सुश्रुत संहिता, चिकित्सास्थान 1.1)

"रोगाः दोषैः दुष्टैः सञ्जायन्ते।"
📖 अर्थ: सभी रोग वात, पित्त और कफ के असंतुलन से होते हैं।

🔹 मुख्य औषधियाँ:

  • हरिद्रा (हल्दी) – सूजन और संक्रमण के लिए।
  • गुग्गुलु – हड्डी मजबूत करने के लिए।
  • तुलसी और गिलोय – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए।

👉 आयुर्वेद में उपयोग होने वाली अधिकतर औषधियाँ सुश्रुत संहिता में वर्णित हैं।


4️⃣ प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) और हड्डियों की चिकित्सा (Orthopedics)

  • सुश्रुत ने नाक और कान की प्लास्टिक सर्जरी (Rhinoplasty) की विधि विकसित की।
  • भंग हड्डियों (Fracture) को जोड़ने और कृत्रिम अंग लगाने की विधियाँ दी गई हैं।

📖 श्लोक (सुश्रुत संहिता, सिद्धिस्थान 3.4)

"नासा संधानं कर्त्तव्यम्।"
📖 अर्थ: नाक की पुनः संरचना संभव है।

👉 आधुनिक प्लास्टिक सर्जरी और ऑर्थोपेडिक्स की जड़ें सुश्रुत संहिता में मिलती हैं।


5️⃣ विष विज्ञान (Toxicology) और चिकित्सा

  • इसमें सर्पदंश, विषाक्त पौधे, और जहरीले कीटों के काटने के इलाज का उल्लेख है।
  • विष के प्रभाव को कम करने के लिए औषधियाँ और तंत्र-मंत्र चिकित्सा भी दी गई है।

📖 श्लोक (सुश्रुत संहिता, कल्पस्थान 2.5)

"विषं संहरति क्षिप्रम्।"
📖 अर्थ: विष को शीघ्र नष्ट करना चाहिए।

👉 सुश्रुत संहिता में ज़हरीले पदार्थों के प्रभाव को कम करने के लिए जड़ी-बूटियों और चिकित्सा का उल्लेख है।


🔹 निष्कर्ष

  • सुश्रुत संहिता चिकित्सा विज्ञान, सर्जरी, शरीर विज्ञान और औषधियों का सबसे प्राचीन ग्रंथ है।
  • इसमें प्लास्टिक सर्जरी, फ्रैक्चर उपचार, हड्डी चिकित्सा, विष निवारण और शल्य चिकित्सा के अद्भुत ज्ञान का वर्णन है।
  • आज भी आधुनिक चिकित्सा और सर्जरी में सुश्रुत संहिता का ज्ञान उपयोगी माना जाता है।

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