शनिवार, 7 अक्टूबर 2017

शीतली और शीतकारी प्राणायाम (Sheetali & Sheetkari Pranayama) – शरीर को ठंडक और मानसिक शांति देने वाले प्राणायाम ❄️🌬️

 

शीतली और शीतकारी प्राणायाम (Sheetali & Sheetkari Pranayama) – शरीर को ठंडक और मानसिक शांति देने वाले प्राणायाम ❄️🌬️

🌿 "क्या कोई प्राणायाम शरीर को ठंडक प्रदान कर सकता है?"
🌿 "क्या शीतली और शीतकारी प्राणायाम केवल शरीर को ठंडा करते हैं, या वे मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी लाभदायक हैं?"
🌿 "कैसे ये प्राणायाम मानसिक शांति, ध्यान और ऊर्जा संतुलन में सहायक हो सकते हैं?"

👉 **"शीतली" (Sheetali) और "शीतकारी" (Sheetkari) प्राणायाम हठ योग के प्रमुख प्राणायाम हैं, जो शरीर और मन को शांत कर ठंडक प्रदान करते हैं।
👉 ये प्राणायाम गर्मी, क्रोध, उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव को कम करने में अत्यंत प्रभावी हैं।


1️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम क्या हैं? (What are Sheetali & Sheetkari Pranayama?)

🔹 शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama)

🔹 "शीतल" = ठंडक (Cooling)
🔹 "प्राणायाम" = श्वास नियंत्रण (Breath Regulation)

🔹 इस प्राणायाम में जीभ को गोल बनाकर साँस ली जाती है, जिससे शरीर में शीतलता आती है।
🔹 यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।


🔹 शीतकारी प्राणायाम (Sheetkari Pranayama)

🔹 "शीत" = ठंडा (Cold)
🔹 "कारी" = करने वाला (The One Who Does)

🔹 इसमें दाँतों के बीच से साँस ली जाती है, जिससे शरीर और मन को ठंडक मिलती है।
🔹 यह शरीर को ठंडक प्रदान कर मानसिक स्थिरता बढ़ाता है।

👉 "शीतली और शीतकारी प्राणायाम गर्मी और मानसिक तनाव को शांत करने के लिए सर्वोत्तम उपाय हैं।"


2️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम करने की सही विधि (Step-by-Step Guide to Sheetali & Sheetkari Pranayama)

🔹 1. सही स्थान और समय (Right Place & Time)

गर्मी के मौसम में विशेष रूप से प्रभावी।
सुबह और शाम के समय खाली पेट करें।
शांत और हवादार स्थान पर बैठें।


🔹 2. प्रारंभिक स्थिति (Starting Position)

✔ किसी ध्यान मुद्रा (सुखासन, पद्मासन, वज्रासन) में बैठें।
✔ रीढ़ को सीधा रखें और आँखें हल्की बंद करें।
✔ हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।


🔹 3. शीतली प्राणायाम करने की विधि (How to Perform Sheetali Pranayama)

1️⃣ जीभ को बाहर निकालें और उसे गोल (तूंबी जैसी) बनाकर रखें।
2️⃣ जीभ के माध्यम से धीरे-धीरे गहरी साँस लें (स्ट्रॉ की तरह)।
3️⃣ फिर मुँह बंद करें और नाक से धीरे-धीरे साँस छोड़ें।
4️⃣ इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएँ।

👉 "इस प्राणायाम से शरीर को तुरंत ठंडक और मन को शांति मिलती है।"


🔹 4. शीतकारी प्राणायाम करने की विधि (How to Perform Sheetkari Pranayama)

1️⃣ दाँतों को हल्का खोलें और जीभ को ऊपर की ओर लगाएँ।
2️⃣ दाँतों के बीच से धीरे-धीरे गहरी साँस लें (साँस लेते समय सी-सी की ध्वनि होगी)।
3️⃣ मुँह बंद करें और नाक से धीरे-धीरे साँस छोड़ें।
4️⃣ इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएँ।

👉 "यह प्राणायाम शरीर और मन को स्थिरता प्रदान करता है।"


3️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम के लाभ (Benefits of Sheetali & Sheetkari Pranayama)

1️⃣ शरीर को ठंडा और ऊर्जावान बनाते हैं

📌 यह शरीर की गर्मी को कम करता है और ताजगी प्रदान करता है।
📌 यह हीट स्ट्रोक और शरीर में बढ़ी हुई गर्मी से राहत देता है।


2️⃣ मानसिक शांति और ध्यान को गहरा करते हैं

📌 यह मस्तिष्क को शांत और केंद्रित करता है, जिससे ध्यान में गहराई आती है।
📌 यह तनाव, चिंता और मानसिक अशांति को कम करता है।


3️⃣ उच्च रक्तचाप (High BP) को नियंत्रित करता है

📌 यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर हृदय को स्वस्थ रखता है।
📌 यह नाड़ियों को शांत कर हाइपरटेंशन (Hypertension) को कम करता है।


4️⃣ क्रोध और चिड़चिड़ापन को कम करता है

📌 यह मन को शांत कर क्रोध और नकारात्मक विचारों को दूर करता है।
📌 यह शांतिपूर्ण और प्रसन्नचित्त अवस्था में लाने में मदद करता है।


5️⃣ पाचन तंत्र को सुधारता है और एसिडिटी को कम करता है

📌 यह अम्लता (Acidity) और अपच को दूर करता है।
📌 यह जठराग्नि को नियंत्रित करता है और पेट को ठंडक प्रदान करता है।


6️⃣ त्वचा को निखारता है और शरीर को डीटॉक्स करता है

📌 यह शरीर से विषैले पदार्थ (Toxins) को बाहर निकालता है।
📌 यह त्वचा को प्राकृतिक चमक और ताजगी प्रदान करता है।

👉 "शीतली और शीतकारी प्राणायाम गर्मी और मानसिक तनाव को शांत करने के लिए सर्वोत्तम उपाय हैं।"


4️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम को अधिक प्रभावी कैसे बनाएँ? (How to Enhance the Practice?)

सही समय चुनें – इसे गर्मी के मौसम में सुबह-शाम करें।
श्वास को सहज बनाएँ – श्वास को धीरे-धीरे लें और छोड़ें।
अन्य प्राणायाम के साथ मिलाएँ – इसे भ्रामरी, नाड़ी शोधन और ध्यान के साथ करें।
पूर्ण समर्पण के साथ करें – इसे आत्म-जागरूकता और शांति के भाव से करें।


5️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम से जुड़ी सावधानियाँ (Precautions & Contraindications)

🔹 कुछ सावधानियाँ आवश्यक हैं:
यदि सर्दी-जुकाम, अस्थमा या कफ की समस्या हो, तो यह प्राणायाम न करें।
यदि लो ब्लड प्रेशर (Low BP) हो, तो इसे करने से बचें।
बहुत ठंडे मौसम में इसे करने से बचें।
यदि शुरुआत में कठिनाई हो, तो पहले हल्के अभ्यास से शुरुआत करें।

👉 "अगर इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह शरीर और मन को स्थिर और जागरूक बनाने का सबसे प्रभावी तरीका है।"


6️⃣ निष्कर्ष – क्या शीतली और शीतकारी प्राणायाम शरीर और मन की ठंडक के लिए सबसे अच्छे प्राणायाम हैं?

हाँ! ये शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने के सबसे प्रभावी प्राणायाम हैं।
यह नाड़ियों को शुद्ध करता है और मानसिक तनाव को दूर करता है।
यह ध्यान और समाधि को गहरा करने में सहायक होता है।
यह शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ बनाता है।

🙏 "मैं आत्मा हूँ – शांत, स्थिर और ऊर्जावान। शीतली और शीतकारी प्राणायाम मेरे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करने का साधन हैं।"

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