शनिवार, 2 जुलाई 2022

सृष्टि संहारक शक्ति (Srishti-Sankhara Shakti) – Creation & Destruction Powers (सृष्टि निर्माण और संहार की शक्ति)

 

🔱 सृष्टि संहारक शक्ति (Srishti-Sankhara Shakti) – Creation & Destruction Powers (सृष्टि निर्माण और संहार की शक्ति) 🌿✨

सृष्टि संहारक शक्ति या Creation & Destruction Powers एक अत्यधिक दिव्य सिद्धि है, जिसके माध्यम से साधक को सृष्टि के निर्माण और संहार की क्षमता प्राप्त होती है।
🔹 यह सिद्धि साधक को सृष्टि के प्रत्येक तत्व को नियंत्रित करने और निर्माण एवं संहार के कार्यों में सक्षम बनाती है
🔹 साधक के पास सभी जीवन रूपों और ब्रह्मांडीय घटनाओं को सृजन करने और नष्ट करने की अलौकिक शक्ति होती है।
🔹 यह सिद्धि केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोग की जाती है, क्योंकि इसे प्राकृतिक संतुलन के लिए सही दिशा में प्रयोग करना अत्यंत आवश्यक है।

अब हम सृष्टि संहारक शक्ति के रहस्यों, इसके प्रभाव, ऐतिहासिक उदाहरणों और साधना विधियों पर गहराई से चर्चा करेंगे।


🔱 1️⃣ सृष्टि संहारक शक्ति क्या है? (What is Srishti-Sankhara Shakti?)

"सृष्टि संहारक शक्ति" का अर्थ है "सृष्टि का निर्माण और संहार करने की शक्ति"
✔ यह सिद्धि साधक को सृजन और विनाश दोनों प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने की क्षमता देती है।
✔ साधक सभी प्रकार के जीवन रूपों को सृजित और नष्ट कर सकता है, चाहे वह प्राकृतिक प्रकोप हो या ब्रह्मांडीय घटनाएँ।
✔ इस सिद्धि का उपयोग सभी तत्वों, प्राणियों, और ब्रह्मांडीय संरचनाओं के निर्माण और संहार के लिए किया जाता है।

👉 "श्रीमद्भागवत" में कहा गया है:
"सर्वेश्वर की शक्ति के द्वारा ही सृष्टि का निर्माण और संहार होता है।"

🔹 सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त करने वाला साधक सृष्टि के प्रत्येक पहलू का न केवल निरीक्षण कर सकता है, बल्कि उसे रचनात्मक या विनाशक रूप में भी बदल सकता है।


🔱 2️⃣ सृष्टि संहारक शक्ति के अद्भुत प्रभाव (Magical Effects of Creation & Destruction Powers)

सृष्टि का निर्माण (Creation of the Universe) – साधक नई दुनिया, ब्रह्मांड और जीवन रूपों का निर्माण कर सकता है।
प्राकृतिक घटनाओं का निर्माण (Creation of Natural Events) – साधक भूकंप, बारिश, तूफान, और अन्य प्राकृतिक घटनाओं को उत्पन्न कर सकता है।
सृष्टि का संहार (Destruction of the Universe) – साधक सभी रूपों की समाप्ति कर सकता है, जैसे ब्रह्मांड की नश्वरता, प्रलय, आदि।
जीवन के विनाश और पुनर्निर्माण की शक्ति (Destruction and Recreation of Life Forms) – साधक जीवों और प्राणियों के जीवन को समाप्त या पुनर्निर्मित कर सकता है।
समय का नियंत्रण (Control Over Time) – साधक समय की गति को नियंत्रित कर सकता है और सृष्टि के हर रूप का निर्माण और नष्ट करने का समय चुन सकता है।


🔱 3️⃣ सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त करने वाले ऐतिहासिक महापुरुष

📌 1. भगवान शिव और सृष्टि संहारक शक्ति

🔹 भगवान शिव को सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त थी।
🔹 वे सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार के मुख्य कर्ता माने जाते हैं।
🔹 शिव ने सभी कालों के संहारक रूप (कालरात्रि) में ब्रह्मांड की शक्तियों का विनाश किया।

👉 "शिव महापुराण" में कहा गया है:
"भगवान शिव ने सृष्टि के संहार और पुनर्निर्माण की शक्ति से सम्पूर्ण जगत का रूप बदला।"
(शिव ने काल रूप में सृष्टि के संहार का कार्य किया और फिर से सृष्टि का निर्माण किया।)


📌 2. महर्षि अगस्त्य और सृष्टि संहारक शक्ति

🔹 महर्षि अगस्त्य ने अपनी साधना से सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त की थी, जिससे वे सभी रचनाओं को नष्ट कर सकते थे और फिर से नई सृष्टि का निर्माण कर सकते थे।
🔹 उन्होंने अपने तप से विपत्तियों को दूर किया और नई संरचनाओं का सृजन किया

👉 "अगस्त्य संहिता" में उल्लेख है:
"महर्षि अगस्त्य ने अपनी साधना से संहारक और सृजनात्मक शक्ति को जाग्रत किया और संसार के कल्याण के लिए कार्य किया।"


📌 3. भगवान विष्णु और सृष्टि संहारक शक्ति

🔹 भगवान विष्णु ने सृष्टि के पालन और संरक्षण की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन उन्होंने प्रलय के समय सृष्टि का संहार भी किया
🔹 विष्णु के रूप में नृसिंह, वराह और राम ने राक्षसों और असुरों का संहार किया और सृष्टि का संतुलन बनाए रखा।

👉 "विष्णु पुराण" में लिखा गया है:
"विष्णु के रूप में सृष्टि का संहार और पुनर्निर्माण होता है, और संसार में संतुलन बना रहता है।"


🔱 4️⃣ सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त करने की साधना (Practices to Attain Srishti-Sankhara Shakti)

📌 1. कुंडलिनी जागरण और सहस्रार चक्र ध्यान (Kundalini Awakening & Sahasrara Chakra Meditation)

सृष्टि संहारक शक्ति का संबंध "सahasrara चक्र" (Crown Chakra) से है, जो आध्यात्मिक शक्ति और ब्रह्मांडीय ज्ञान का केंद्र होता है।
✔ जब यह चक्र जाग्रत हो जाता है, तब साधक को सृष्टि के निर्माण और संहार का ज्ञान प्राप्त होता है

कैसे करें?
सहस्रार चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
कुंडलिनी जागरण के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें।
"ॐ सृष्टि संहारक ह्रीं स्वाहा" मंत्र का जाप करें।


📌 2. "सृष्टि निर्माण ध्यान" (Creation Meditation)

✔ यह ध्यान साधना सृष्टि के निर्माण और संहार की प्रक्रिया को समझने और नियंत्रित करने के लिए की जाती है।

कैसे करें?
✔ शांत स्थान पर बैठें और अपने भीतर सृष्टि के निर्माण की कल्पना करें
✔ महसूस करें कि आपका मन और आत्मा सृष्टि के निर्माण और विनाश के केंद्र के रूप में कार्य कर रही है
✔ प्रतिदिन 20-30 मिनट इस साधना का अभ्यास करें।


📌 3. मंत्र साधना (Mantra Chanting for Srishti-Sankhara Shakti)

✔ विशिष्ट मंत्रों से सृष्टि संहारक शक्ति को जाग्रत किया जा सकता है।

मंत्र:
"ॐ सृष्टि संहारक ह्रीं स्वाहा"
"ॐ नमो भगवते संहारकाय"
✔ इन मंत्रों का रोज़ 108 बार जाप करें
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 3-6 बजे) में साधना करें


📌 4. प्राणायाम और श्वास साधना (Pranayama & Breath Control)

प्राणायाम और श्वास साधना से मन और शरीर की शक्ति को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे सृष्टि के निर्माण और संहार की शक्ति प्राप्त होती है।
भ्रामरी और अनुलोम-विलोम प्राणायाम की मदद से साधक अपनी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ा सकता है।

कैसे करें?
प्राणायाम की विधियों का अभ्यास करें।
कपालभाति प्राणायाम और भ्रामरी प्राणायाम करें।


🔱 5️⃣ सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त करने के लिए आवश्यक नियम (Rules for Attaining Srishti-Sankhara Shakti)

गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – बिना संयम के सिद्धियाँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।
सात्त्विक आहार लें – शरीर को शुद्ध रखें।
सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का पालन करें।


🌟 निष्कर्ष – सृष्टि संहारक शक्ति प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य

सृष्टि संहारक शक्ति साधक को सृष्टि के निर्माण और संहार की क्षमता प्रदान करती है।
भगवान शिव, विष्णु, और महर्षि अगस्त्य ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।
कुंडलिनी जागरण, सहस्रार चक्र ध्यान, मंत्र जाप और ध्यान साधना से इसे प्राप्त किया जा सकता है।

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