शनिवार, 25 जनवरी 2020

संपूर्ण रामायण: अरण्यकांड

 अरण्यकांड रामायण का तीसरा कांड है। यह श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास के दौरान जंगल (अरण्य) में बिताए समय का वर्णन करता है। इसमें उनकी साधुता, तपस्या और राक्षसों के साथ मुठभेड़ का विस्तार से वर्णन है। यह कांड मुख्य रूप से धर्म, सहनशीलता और मानवता की शिक्षा देता है।


अरण्यकांड की कथा का सारांश

1. पंचवटी में निवास:

  • वनवास के दौरान श्रीराम, सीता, और लक्ष्मण ने कई ऋषि-मुनियों के आश्रमों में निवास किया और उनसे धर्म तथा तपस्या के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली।
  • वे दंडक वन में पहुँचे, जहाँ उन्होंने पंचवटी (गोदावरी नदी के पास) में अपना निवास बनाया।

2. शूर्पणखा का आगमन:

  • लंका के राजा रावण की बहन शूर्पणखा राम के रूप-लावण्य पर मोहित हो गई।
  • उसने राम से विवाह का प्रस्ताव किया, लेकिन राम ने इसे अस्वीकार कर दिया और लक्ष्मण को संकेत किया।
  • लक्ष्मण ने शूर्पणखा के अपमानजनक व्यवहार पर उसकी नाक और कान काट दिए।

3. खर और दूषण का वध:

  • शूर्पणखा ने अपने भाइयों खर और दूषण से राम, लक्ष्मण और सीता पर हमला करने के लिए कहा।
  • राम और लक्ष्मण ने राक्षसों की पूरी सेना का संहार कर दिया और खर-दूषण का वध किया।

4. मारीच और सीता हरण:

  • शूर्पणखा ने रावण से अपनी दुर्दशा का वर्णन किया। रावण ने सीता का हरण करने की योजना बनाई।
  • उसने अपने मामा मारीच को स्वर्ण मृग का रूप धारण करने के लिए कहा।
  • सीता स्वर्ण मृग को देखकर मोहित हो गईं और राम से उसे लाने का अनुरोध किया।
  • राम मृग का पीछा करने गए, लेकिन मारीच ने मरते समय राम की आवाज में “लक्ष्मण” पुकारा।
  • सीता ने लक्ष्मण से राम की मदद के लिए जाने को कहा।

5. रावण का सीता हरण:

  • रावण, भिक्षुक का वेश धारण कर, राम और लक्ष्मण की अनुपस्थिति में पंचवटी पहुँचा।
  • उसने सीता से दान मांगा और फिर उनका हरण कर लिया।
  • सीता को पुष्पक विमान में बैठाकर रावण उन्हें लंका ले गया।

6. जटायुत्तम:

  • रावण जब सीता का हरण कर रहा था, तब पक्षीराज जटायु ने उन्हें बचाने का प्रयास किया।
  • जटायु ने रावण से युद्ध किया, लेकिन रावण ने उसके पंख काट दिए और वह भूमि पर गिर गया।

7. शबरी से भेंट:

  • सीता के हरण के बाद राम और लक्ष्मण उन्हें खोजते हुए शबरी के आश्रम पहुँचे।
  • शबरी ने राम का आतिथ्य किया और अपने प्रेम और भक्ति से राम को प्रसन्न किया।

अरण्यकांड के प्रमुख संदेश:

  1. धर्म का पालन: राम, सीता और लक्ष्मण ने कठिन परिस्थितियों में भी धर्म का पालन किया।
  2. सत्य और न्याय का संघर्ष: खर, दूषण और रावण जैसे राक्षसों के अत्याचारों का मुकाबला किया।
  3. भक्ति का महत्व: शबरी की कथा भक्ति और निष्ठा का संदेश देती है।
  4. कर्तव्य और निष्ठा: लक्ष्मण का अपने भाई और भाभी के प्रति कर्तव्य प्रेरणादायक है।

अरण्यकांड का महत्व:

  • यह कांड संघर्ष और त्याग की शिक्षा देता है।
  • इसमें श्रीराम के चरित्र में साहस, धैर्य और करुणा का समावेश है।
  • यह हमें बुराई के खिलाफ लड़ने और धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश देता है।

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