गायत्री छंद – 24 अक्षरों वाला वैदिक छंद
गायत्री छंद वैदिक छंदों में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण छंद माना जाता है। यह 24 अक्षरों वाला छंद होता है, जिसमें 3 पंक्तियाँ होती हैं, प्रत्येक पंक्ति में 8 अक्षर होते हैं।
👉 गायत्री छंद में मंत्रों की रचना करने से मंत्र शक्तिशाली और प्रभावी बनते हैं। यह छंद वेदों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से ऋग्वेद में।
🔹 गायत्री छंद की संरचना
📖 गायत्री छंद का व्याकरणीय स्वरूप:
- प्रत्येक पंक्ति में 8 अक्षर होते हैं।
- कुल 3 पंक्तियाँ होती हैं।
- पूरा छंद 24 अक्षरों का होता है।
📖 सामान्य संरचना:
XXXXXXXX | XXXXXXXX | XXXXXXXX
(प्रत्येक पंक्ति में 8 अक्षर, कुल 3 पंक्तियाँ)
👉 इस छंद की मधुरता और लयबद्धता इसे विशेष बनाती है।
🔹 प्रसिद्ध उदाहरण – गायत्री मंत्र
📖 ऋग्वेद 3.62.10 में वर्णित गायत्री मंत्र:
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं। (8 अक्षर)
भर्गो देवस्य धीमहि। (8 अक्षर)
धियो यो नः प्रचोदयात्। (8 अक्षर)
📖 अर्थ:
- हे परमात्मा! उस दिव्य तेजस्वी सविता (सूर्य) के प्रकाश को हम ध्यानपूर्वक ग्रहण करें।
- वह प्रकाश हमारी बुद्धि को प्रेरित करे और हमें सत्कर्म की ओर अग्रसर करे।
👉 गायत्री मंत्र सबसे प्रसिद्ध मंत्र है जो गायत्री छंद में रचा गया है।
🔹 अन्य वेदों में गायत्री छंद के उदाहरण
1️⃣ यजुर्वेद का मंत्र (गायत्री छंद में)
📖 मंत्र:
"अग्ने नय सुपथा राये। (8 अक्षर)
अस्मान् विश्वानि देव वयुनानि। (8 अक्षर)
विद्वान् युयोध्यस्मज्जुहुराणम्।" (8 अक्षर)
📖 अर्थ:
- हे अग्निदेव! हमें उत्तम मार्ग पर ले चलो।
- हमें शुभ कर्मों की ओर प्रेरित करो और बुरी शक्तियों से रक्षा करो।
2️⃣ सामवेद का मंत्र (गायत्री छंद में)
📖 मंत्र:
"इन्द्राय सोममं वहे। (8 अक्षर)
विश्वेभिः सोमपीतये। (8 अक्षर)
स नो मृळाति वृष्ण्यं।" (8 अक्षर)
📖 अर्थ:
- हम इंद्रदेव के लिए सोमरस लाएँ।
- सभी देवताओं के साथ मिलकर इसका पान करें।
- हमें शक्ति और आनंद प्रदान करें।
🔹 गायत्री छंद का महत्व
✅ 1️⃣ वेदों में व्यापक उपयोग
- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद में गायत्री छंद में कई मंत्र मिलते हैं।
✅ 2️⃣ आध्यात्मिक शक्ति और ध्यान का महत्व
- गायत्री छंद में मंत्र जाप करने से मानसिक शांति, ऊर्जा, और ध्यान की क्षमता बढ़ती है।
✅ 3️⃣ मंत्रों की प्रभावशीलता को बढ़ाने वाला छंद
- इस छंद की लयबद्धता और उच्चारण की गति इसे विशेष शक्ति प्रदान करती है।
✅ 4️⃣ योग और साधना में महत्वपूर्ण
- योग साधक और ध्यान करने वाले गायत्री छंद में मंत्रों का जप करके अपनी चेतना को उच्चतम स्तर तक पहुँचा सकते हैं।
🔹 निष्कर्ष
1️⃣ गायत्री छंद 24 अक्षरों वाला छंद है, जिसमें 3 पंक्तियाँ और प्रत्येक में 8 अक्षर होते हैं।
2️⃣ गायत्री मंत्र इसका सबसे प्रसिद्ध उदाहरण है, जिसे वेदों का सार माना जाता है।
3️⃣ यह छंद वेदों में व्यापक रूप से प्रयोग किया गया है और इसका आध्यात्मिक तथा ध्यान में गहरा प्रभाव पड़ता है।
4️⃣ इसका उच्चारण करने से मानसिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं, जिससे साधक को आत्मज्ञान की ओर बढ़ने में सहायता मिलती है।
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