शनिवार, 4 मार्च 2017

राज योग ध्यान की विशेष विधि

राज योग ध्यान की विशेष विधि

राज योग ध्यान का उद्देश्य आत्म-चेतना को जाग्रत करना और परमात्मा (सुप्रीम एनर्जी) से जुड़ना है। यह विधि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा विशेष रूप से सिखाई जाती है, लेकिन इसे कोई भी व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अपना सकता है।


राज योग ध्यान की सरल विधि (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)

1. स्थान और समय चुनें

✅ शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
✅ ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या रात में सोने से पहले ध्यान करें।
✅ खुली हवा में या एकांत कमरे में बैठना अच्छा रहेगा।

2. आरामदायक मुद्रा में बैठें

✅ सुखासन, पद्मासन या कुर्सी पर रीढ़ सीधी रखते हुए बैठें।
✅ आँखें हल्की बंद या हल्की खुली रखें (पूर्ण रूप से बंद करना ज़रूरी नहीं)।

3. मन को शांत करें और विचारों को धीमा करें

✅ धीरे-धीरे गहरी साँस लें और छोड़ें।
✅ अपने मन को शांत करने के लिए कुछ क्षणों तक ध्यान दें कि आप सिर्फ एक आत्मा हैं—शरीर नहीं।
✅ यदि कोई विचार आए, तो उसे जबरदस्ती रोकने की कोशिश न करें, बल्कि उसे जाने दें।

4. आत्मा की पहचान और जागरूकता बढ़ाएँ

✅ खुद को शरीर से अलग एक ज्योति बिंदु (ऊर्जा का प्रकाश) के रूप में अनुभव करें।
✅ महसूस करें कि आपका अस्तित्व शुद्ध प्रकाश और ऊर्जा से बना है।
✅ यह आत्मा अजर-अमर है और शांति व प्रेम का स्रोत है।

5. परमात्मा से संबंध जोड़ें

✅ परमात्मा (सुप्रीम सोल) को असीम ऊर्जा, शुद्ध प्रकाश, और दिव्य ज्ञान के रूप में अनुभव करें।
✅ यह मानें कि परमात्मा (शिव) सदा शांत, प्रेमपूर्ण और शक्तिशाली ऊर्जा का स्रोत हैं।
✅ अपने मन में यह भावना लाएँ कि आप इस दिव्य ऊर्जा से जुड़ रहे हैं और उनकी शक्तियाँ आपको मिल रही हैं।

6. दिव्य ऊर्जा को आत्मसात करें

✅ महसूस करें कि परमात्मा की ऊर्जा आपके शरीर और आत्मा में प्रवेश कर रही है।
✅ यह दिव्य प्रकाश आपके सभी नकारात्मक विचारों, तनाव और भय को नष्ट कर रहा है।
✅ मन हल्का और सकारात्मक होता जा रहा है।

7. शांति और आनंद का अनुभव करें

✅ कुछ समय तक इस शांति की स्थिति में रहें।
✅ अपने अंदर आनंद, प्रेम और शक्ति को महसूस करें।
✅ इस सकारात्मक ऊर्जा को दिनभर बनाए रखने का संकल्प लें।


राज योग ध्यान में उपयोगी विचार (संकल्प)

🔹 "मैं एक शांत आत्मा हूँ, मेरा स्वभाव शांति है।"
🔹 "मैं अजर-अमर आत्मा हूँ, मेरा शरीर नश्वर है।"
🔹 "परमात्मा का दिव्य प्रकाश मुझे शक्ति और शांति प्रदान कर रहा है।"
🔹 "मैं सभी को प्रेम और सकारात्मकता प्रदान करता हूँ।"


राज योग ध्यान के विशेष लाभ

मानसिक शांति – तनाव, चिंता और नकारात्मकता कम होती है।
आत्म-विश्वास बढ़ता है – व्यक्ति अपने जीवन में ज्यादा आत्मनिर्भर और संतुलित बनता है।
सकारात्मक ऊर्जा मिलती है – मन, शरीर और आत्मा में नई ऊर्जा का संचार होता है।
रिश्तों में सुधार होता है – अहंकार, गुस्सा और नकारात्मक भावनाएँ कम होती हैं।
आध्यात्मिक उन्नति – आत्मा और परमात्मा से गहरा संबंध बनता है।


कैसे शुरुआत करें?

✅ रोज़ाना 10-15 मिनट से शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएँ।
✅ किसी अनुभवी राज योगी या ब्रह्माकुमारी संस्थान के ध्यान सत्र में भाग लें।
✅ नियमित अभ्यास करें और धैर्य बनाए रखें।

राज योग ध्यान के किस विशेष पहलू पर गहराई से जानना चाहेंगे?

🔹 आत्मा और परमात्मा का संबंध – आत्मा क्या है? परमात्मा कौन हैं? और इनका आपस में क्या संबंध है?
🔹 ध्यान की गहरी अवस्था (समाधि) – कैसे ध्यान की उच्च अवस्था (समाधि) तक पहुँचा जा सकता है?
🔹 विचारों को नियंत्रित करने की विधि – ध्यान के दौरान विचारों को शांत और नियंत्रित कैसे करें?
🔹 दैनिक जीवन में राज योग ध्यान – रोजमर्रा की ज़िंदगी में ध्यान का उपयोग कैसे करें?
🔹 कार्मिक अकाउंट (कर्मों का प्रभाव) – हमारे पिछले और वर्तमान कर्म ध्यान पर कैसे प्रभाव डालते हैं?
🔹 राज योग और चक्र जागरण – क्या राज योग से सात चक्रों का संतुलन किया जा सकता है?


निष्कर्ष

राज योग ध्यान आत्म-चेतना को जाग्रत करने और परमात्मा से जुड़ने का एक प्रभावी तरीका है। यह किसी भी धर्म या संप्रदाय से परे एक आध्यात्मिक विज्ञान है, जो व्यक्ति को आत्म-शक्ति, मानसिक शांति और दिव्यता की ओर ले जाता है।

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