🔱 गरिमा सिद्धि (Garima Siddhi) – शरीर को अत्यंत भारी बनाने की शक्ति 🧘♂️✨
गरिमा सिद्धि भारतीय योग और तंत्र परंपरा में वर्णित आठ महाशक्तियों (अष्ट सिद्धियाँ) में से एक है।
🔹 यह शक्ति साधक को अपने शरीर को अत्यंत भारी (Infinite Weight) बनाने की क्षमता प्रदान करती है।
🔹 इस सिद्धि के माध्यम से व्यक्ति किसी भी वस्तु को स्थिर कर सकता है, स्वयं को अचल बना सकता है और अपने वजन को इतना बढ़ा सकता है कि कोई उसे हिला भी न सके।
अब हम गरिमा सिद्धि के रहस्यों, इसे प्राप्त करने की साधनाओं और ऐतिहासिक उदाहरणों पर गहराई से चर्चा करेंगे।
🔱 1️⃣ गरिमा सिद्धि क्या है? (What is Garima Siddhi?)
✔ "गरिमा" का अर्थ है "भारीपन", और "सिद्धि" का अर्थ है "अलौकिक शक्ति"।
✔ इस सिद्धि से साधक अपने शरीर का भार इतना बढ़ा सकता है कि वह पर्वत से भी अधिक भारी बन सकता है।
✔ योग, ध्यान और तंत्र साधना के माध्यम से इस सिद्धि को प्राप्त किया जाता है।
👉 श्रीमद्भागवत (11.15.3) में कहा गया है:
"अणिमा महिमा चैव लघिमा गरिमा तथा। प्राप्तिः प्राकाम्यमीशित्वं वशित्वं चाष्ट सिद्धयः॥"
(अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिद्धियाँ हैं।)
🔹 गरिमा सिद्धि प्राप्त करने वाला साधक अपने शरीर का भार इतना बढ़ा सकता है कि कोई उसे हिला भी न सके और वह धरती पर अटल बन जाए।
🔱 2️⃣ गरिमा सिद्धि के अद्भुत प्रभाव (Magical Effects of Garima Siddhi)
✅ शरीर को अत्यंत भारी बनाना (Becoming Infinitely Heavy) – व्यक्ति अपने वजन को हजारों टन तक बढ़ा सकता है।
✅ गुरुत्वाकर्षण पर नियंत्रण (Defying Gravity with Weight Control) – वह किसी भी स्थान पर स्थिर रह सकता है और कोई उसे हिला नहीं सकता।
✅ स्थिरता और अचलता प्राप्त करना (Unshakable & Immovable State) – व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में अडिग रह सकता है।
✅ संपूर्ण सृष्टि में स्थिर शक्ति प्राप्त करना (Unbreakable Connection with Earth Energy) – व्यक्ति पृथ्वी तत्व से पूर्ण रूप से जुड़ जाता है।
✅ बाहरी बलों से अप्रभावित रहना (Invincibility Against External Forces) – कोई भी शत्रु या बल उसे हिला नहीं सकता।
🔱 3️⃣ गरिमा सिद्धि प्राप्त करने वाले ऐतिहासिक महापुरुष
📌 1. अंगद और गरिमा सिद्धि
🔹 जब रावण ने अंगद को हिलाने की कोशिश की, तब उन्होंने गरिमा सिद्धि का प्रयोग किया और अपना पैर इतना भारी कर लिया कि रावण के बलशाली योद्धा भी उसे हिला नहीं सके।
👉 "रामायण" में तुलसीदास लिखते हैं:
"अंगद करि मन माहिं बिचारा। बैरिहि चकित करौं संसारा॥"
(अंगद ने सोचा कि मैं अपने शरीर को इतना भारी कर लूँ कि शत्रु मुझे हिला भी न सके।)
📌 2. हनुमानजी और गरिमा सिद्धि
🔹 जब हनुमानजी को अहिरावण से युद्ध करना पड़ा, तब उन्होंने अपना शरीर इतना भारी कर लिया कि अहिरावण के सभी सैनिक उनके भार से दबकर गिर गए।
🔹 उन्होंने यह सिद्धि लंका में भी प्रयोग की थी जब उन्होंने अपने शरीर को स्थिर कर लिया था ताकि कोई उन्हें पकड़ न सके।
👉 "रामचरितमानस" में लिखा गया है:
"भारी तनु धरि कपि पुनि करिहि, तिन्हहि समर करुणा नहि होई।"
(हनुमानजी ने अपना शरीर भारी कर लिया, जिससे शत्रु उनसे टकराकर गिर गए।)
📌 3. भगवान कृष्ण और गरिमा सिद्धि
🔹 जब कंस ने कृष्ण को उठाने की कोशिश की, तब भगवान कृष्ण ने गरिमा सिद्धि का प्रयोग किया और कंस उन्हें उठा नहीं सका।
👉 "श्रीमद्भागवत" में वर्णित है:
"कंसः कृष्णं च नोत्पाटयत्, तस्मै गरिमा सिद्धिं ददौ।"
(कंस कृष्ण को उठाने में असमर्थ था, क्योंकि उन्होंने गरिमा सिद्धि का प्रयोग किया था।)
🔱 4️⃣ गरिमा सिद्धि प्राप्त करने की साधना (Practices to Attain Garima Siddhi)
📌 1. मूलाधार चक्र और पृथ्वी तत्व ध्यान (Muladhara Chakra & Earth Element Meditation)
✔ गरिमा सिद्धि का संबंध "मूलाधार चक्र" (Root Chakra) से है।
✔ जब यह चक्र पूरी तरह जाग्रत हो जाता है, तब शरीर स्थिर और भारी बन जाता है।
✅ कैसे करें?
✔ मूलाधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
✔ कुंडलिनी जागरण के लिए मूलबंध और मृदंग प्राणायाम करें।
✔ सिद्धासन में बैठकर "ॐ गरिमा सिद्धि ह्रीं स्वाहा।" का जप करें।
📌 2. "पृथ्वी स्थिरता ध्यान" (Earth Stability Meditation Technique)
✔ यह ध्यान साधना शरीर को स्थिर और अचल बनाने के लिए की जाती है।
✅ कैसे करें?
✔ शांत स्थान पर बैठें और अपने शरीर को पृथ्वी के समान स्थिर और अटल महसूस करें।
✔ कल्पना करें कि आपका शरीर धरती के केंद्र तक जड़ित हो रहा है और भारी होता जा रहा है।
✔ प्रतिदिन 30-60 मिनट इस ध्यान का अभ्यास करें।
📌 3. मंत्र साधना (Mantra Chanting for Garima Siddhi)
✔ विशिष्ट मंत्रों से गरिमा सिद्धि जाग्रत की जा सकती है।
✅ मंत्र:
"ॐ गरिमा सिद्धि ह्रीं स्वाहा।"
✔ इस मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करें।
✔ ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 3-6 बजे) में साधना करें।
📌 4. अष्टांग योग और प्राणायाम (Ashtanga Yoga & Pranayama)
✔ अष्टांग योग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) का पालन करें।
✔ मूलबंध, महाबंध और श्वास नियंत्रण का अभ्यास करें।
✅ कैसे करें?
✔ भू-तत्त्व को संतुलित करने के लिए "सूर्य नमस्कार" करें।
✔ मूलाधार चक्र को सक्रिय करने के लिए ध्यान करें।
🔱 5️⃣ गरिमा सिद्धि प्राप्त करने के लिए आवश्यक नियम (Rules for Attaining Garima Siddhi)
✔ गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है।
✔ ब्रह्मचर्य का पालन करें – बिना संयम के सिद्धियाँ प्राप्त नहीं हो सकतीं।
✔ सात्त्विक आहार लें – शरीर को शुद्ध रखें।
✔ सत्य, अहिंसा और आत्मसंयम का पालन करें।
🌟 निष्कर्ष – गरिमा सिद्धि प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य
✅ गरिमा सिद्धि साधक को अत्यंत भारी बनाने और अचल रहने की शक्ति देती है।
✅ हनुमानजी, अंगद और कृष्ण ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।
✅ कुंडलिनी जागरण, मूलाधार चक्र ध्यान, मंत्र जाप और प्राणायाम से इसे प्राप्त किया जा सकता है।
✅ गुरु के बिना इस सिद्धि को प्राप्त करना अत्यंत कठिन है।
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