शनिवार, 5 मार्च 2022

अष्ट सिद्धियाँ (Ashta Siddhis) – योग और तंत्र की दिव्य शक्तियाँ

 

🔱 अष्ट सिद्धियाँ (Ashta Siddhis) – योग और तंत्र की दिव्य शक्तियाँ 🌿✨

अष्ट सिद्धियाँ भारतीय योग, तंत्र, और वेदांत परंपरा में आध्यात्मिक और अलौकिक शक्तियों का उच्चतम स्तर मानी जाती हैं।
🔹 ये सिद्धियाँ योग, ध्यान, कुंडलिनी जागरण और मंत्र साधना के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं।
🔹 अनेक ऋषि-मुनियों और दिव्य आत्माओं ने इन सिद्धियों का उपयोग किया था।

अब हम अष्ट सिद्धियों के रहस्य, उनके प्रयोग, प्राप्ति की विधियाँ और उनसे जुड़ी गहरी साधनाओं को विस्तार से समझेंगे।


🔱 1️⃣ अष्ट सिद्धियाँ क्या हैं? (What Are Ashta Siddhis?)

"अष्ट" का अर्थ है "आठ", और "सिद्धि" का अर्थ है "अलौकिक शक्ति"
✔ इन सिद्धियों का वर्णन योगसूत्रों, हठयोग, भागवत पुराण, रामायण, और महाभारत में मिलता है।
✔ ये सिद्धियाँ "कर्म, तपस्या और ध्यान" से प्राप्त की जा सकती हैं।

👉 श्रीमद्भागवत (11.15.3-4) में कहा गया है:
"अणिमा महिमा चैव लघिमा गरिमा तथा। प्राप्तिः प्राकाम्यमीशित्वं वशित्वं चाष्ट सिद्धयः॥"
(अणिमा, महिमा, लघिमा, गरिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व – ये आठ सिद्धियाँ हैं।)


🔱 2️⃣ अष्ट सिद्धियों का गूढ़ रहस्य और उनकी शक्तियाँ

📌 1. अणिमा सिद्धि (Anima Siddhi) – सूक्ष्मतम रूप धारण करना

🔹 साधक अपने शरीर को अणु के समान सूक्ष्म बना सकता है।
🔹 वह किसी भी वस्तु के अंदर प्रवेश कर सकता है, अदृश्य हो सकता है।

उदाहरण:
✔ हनुमानजी ने लंका में प्रवेश करने के लिए अणिमा सिद्धि का प्रयोग किया था।
✔ गुरु नानकदेव ने जल में समाहित होकर इस सिद्धि का प्रयोग किया था।

कैसे प्राप्त करें?
✔ गहन ध्यान और मूलाधार चक्र पर साधना करें।
"ॐ ह्रीं अणिमा सिद्धि ह्रीं स्वाहा" मंत्र का जप करें।


📌 2. महिमा सिद्धि (Mahima Siddhi) – विशाल रूप धारण करना

🔹 व्यक्ति अपने शरीर को अनंत विशाल बना सकता है।
🔹 इससे वह समुद्र, आकाश और ब्रह्मांड जितना बड़ा हो सकता है।

उदाहरण:
✔ हनुमानजी ने समुद्र पार करने के लिए अपना शरीर विशाल किया।
✔ भीम और कृष्ण ने इस सिद्धि का उपयोग किया था।

कैसे प्राप्त करें?
सहस्रार चक्र की साधना करें।
✔ मंत्र – "ॐ ह्रीं महिमा सिद्धि ह्रीं स्वाहा"


📌 3. लघिमा सिद्धि (Laghima Siddhi) – शरीर को अत्यंत हल्का बनाना

🔹 साधक अपने शरीर को इतना हल्का कर सकता है कि वह जल, वायु और आकाश में उड़ सके।
🔹 इससे वह हवा में उड़ सकता है या सूर्य और चंद्रमा तक जा सकता है।

उदाहरण:
✔ हनुमानजी ने इस सिद्धि से सूर्य तक उड़ान भरी थी।
✔ महर्षि वाल्मीकि ने भी इस शक्ति का वर्णन किया है।

कैसे प्राप्त करें?
अग्नि तत्त्व (Fire Element) का नियंत्रण करें।
✔ मंत्र – "ॐ लघिमा सिद्धये नमः"


📌 4. गरिमा सिद्धि (Garima Siddhi) – अत्यंत भारी बनना

🔹 व्यक्ति अपने शरीर को इतना भारी बना सकता है कि कोई उसे हिला भी न सके।
🔹 इससे साधक गुरुत्वाकर्षण (Gravity) पर नियंत्रण प्राप्त कर लेता है।

उदाहरण:
✔ हनुमानजी ने अहिरावण से बचने के लिए इस सिद्धि का प्रयोग किया था।
✔ अंगद ने रावण की सभा में अपना पैर भारी कर दिया था।

कैसे प्राप्त करें?
भू-तत्त्व (Earth Element) की साधना करें।
✔ मंत्र – "ॐ गरिमा सिद्धये नमः"


📌 5. प्राप्ति सिद्धि (Prapti Siddhi) – किसी भी स्थान पर जाने की शक्ति

🔹 व्यक्ति मन से किसी भी स्थान पर यात्रा कर सकता है।
🔹 यह टेलीपोर्टेशन (Teleportation) और अंतरिक्ष यात्रा की सिद्धि है।

उदाहरण:
✔ नारद मुनि के पास यह सिद्धि थी, जिससे वे कहीं भी जा सकते थे।
✔ योगियों को इसकी मदद से किसी भी स्थान पर पहुँचना संभव हो जाता है।

कैसे प्राप्त करें?
स्वाधिष्ठान चक्र पर ध्यान केंद्रित करें।
✔ मंत्र – "ॐ प्राप्ति सिद्धये नमः"


📌 6. प्राकाम्य सिद्धि (Prakamya Siddhi) – इच्छानुसार वस्तुओं को प्राप्त करना

🔹 व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
🔹 मनुष्य जल में बिना डूबे रह सकता है या पृथ्वी में समा सकता है।

उदाहरण:
✔ योगियों ने इससे जल पर चलने और भविष्य देखने की शक्ति प्राप्त की।
✔ भगवान कृष्ण के पास यह सिद्धि थी।

कैसे प्राप्त करें?
अनाहत चक्र पर ध्यान दें और "सोऽहम्" का जाप करें।
✔ मंत्र – "ॐ प्राकाम्य सिद्धये नमः"


📌 7. ईशित्व सिद्धि (Ishitva Siddhi) – सृष्टि पर पूर्ण नियंत्रण

🔹 साधक संपूर्ण प्रकृति और सृष्टि को नियंत्रित कर सकता है।
🔹 यह भगवान के समान शक्ति प्रदान करने वाली सिद्धि है।

उदाहरण:
✔ भगवान कृष्ण ने इस शक्ति का उपयोग किया था।
✔ महायोगी दत्तात्रेय इस सिद्धि के स्वामी थे।

कैसे प्राप्त करें?
अग्नि और आकाश तत्त्व की साधना करें।
✔ मंत्र – "ॐ ईशित्व सिद्धये नमः"


📌 8. वशित्व सिद्धि (Vashitva Siddhi) – किसी को भी वश में करने की शक्ति

🔹 व्यक्ति प्रकृति, पशु, पक्षी, मनुष्य और देवताओं को वश में कर सकता है।
🔹 यह तंत्र साधना में वशीकरण शक्ति के रूप में जानी जाती है।

उदाहरण:
✔ भगवान कृष्ण की मोहिनी शक्ति इसी सिद्धि का परिणाम थी।
✔ ऋषि विश्वामित्र ने इसी शक्ति से स्वर्ग बना लिया था।

कैसे प्राप्त करें?
आज्ञा चक्र पर ध्यान दें और गुरु के निर्देशानुसार साधना करें।
✔ मंत्र – "ॐ वशित्व सिद्धये नमः"


🔱 3️⃣ निष्कर्ष – सिद्धियाँ प्राप्त करने का गूढ़ रहस्य

सिद्धियाँ योग, ध्यान और साधना से प्राप्त होती हैं।
कुंडलिनी जागरण, मंत्र जप और समाधि से ये शक्तियाँ जाग्रत हो सकती हैं।
इनका प्रयोग केवल आध्यात्मिक कल्याण और लोकहित के लिए करना चाहिए।
अंतिम सिद्धि मोक्ष (Liberation) ही है।

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