शनिवार, 21 अगस्त 2021

माता अमृतानंदमयी (अम्मा)

 माता अमृतानंदमयी (अम्मा), जिन्हें दुनिया भर में "अम्मा" के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय आध्यात्मिक गुरु और मानवता की सेवा करने वाली एक महान संत हैं। उनका जन्म 27 सितंबर 1953 को केरल के एक छोटे से गाँव Parayakadavu में हुआ था। वे अपनी असीम प्रेम और करुणा के लिए प्रसिद्ध हैं, और उन्हें "सच्चे प्रेम की देवी" के रूप में पूजा जाता है। अम्मा ने लाखों लोगों के जीवन में शांति, प्रेम, और आध्यात्मिकता का संचार किया है।

माता अमृतानंदमयी का जीवन परिचय:

अम्मा का जन्म एक सामान्य ग्रामीण परिवार में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने साधारण जीवन जीने की बजाय अपनी गहरी आध्यात्मिक प्रवृत्तियों का अनुभव करना शुरू कर दिया था। वे बहुत छोटी उम्र से ही लोगों के लिए प्रेम और सेवा का मार्गदर्शन देने लगीं। उनके जीवन का सबसे बड़ा पहलू उनकी करुणा और प्रेम था, जिसके कारण वे पूरी दुनिया में "अम्मा" के रूप में प्रसिद्ध हो गईं।

अम्मा के प्रमुख संदेश:

  1. प्रेम और सेवा: अम्मा का मानना है कि प्रेम और सेवा के माध्यम से ही हम अपने भीतर की आध्यात्मिक शक्ति को पहचान सकते हैं। उनका कहना है कि आध्यात्मिकता का सबसे सशक्त रूप दूसरों की सेवा करने में है। अम्मा का जीवन एक उदाहरण है कि कैसे अपनी आत्मा को जागृत करने के लिए हम दूसरों की मदद कर सकते हैं।

    "प्रेम वह शक्ति है, जो हमें एक दूसरे के साथ जोड़ती है और जो जीवन को बदल सकती है।"

    • संदेश: प्रेम ही वह शक्ति है जो हमें एक दूसरे से जोड़ती है और संसार में सकारात्मक परिवर्तन लाती है।
  2. आध्यात्मिक जागरूकता: अम्मा का मानना है कि आध्यात्मिकता का वास्तविक अर्थ मनुष्य की आंतरिक शांति और स्वयं को पहचानने में है। वे कहती हैं कि जब हम अपनी आंतरिक स्थिति से जुड़ते हैं, तो हमारे जीवन में वास्तविक परिवर्तन होता है। अम्मा ने हमेशा यह कहा कि आध्यात्मिक यात्रा कोई कठिन या दूर की बात नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होना चाहिए।

    "जब आप अपने भीतर के सत्य को महसूस करते हैं, तो आपके जीवन में कोई तनाव नहीं होता।"

    • संदेश: आत्मज्ञान और आंतरिक शांति के द्वारा हम तनाव और परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं।
  3. समानता और एकता: अम्मा ने हमेशा यह संदेश दिया है कि धर्म, जाति, और लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव करना गलत है। वे मानती हैं कि सभी मनुष्य एक समान हैं और आध्यात्मिक दृष्टि से सभी बराबर हैं। उन्होंने हमेशा यह कहा कि ईश्वर एक ही है और वह सभी में विद्यमान है।

    "ईश्वर एक है, और हर व्यक्ति में वही मौजूद है।"

    • संदेश: ईश्वर सभी में एक समान है, इसलिए हमें किसी भी प्रकार के भेदभाव से बचना चाहिए।
  4. दूसरों के लिए जीना: अम्मा का जीवन सेवा और दान का जीवन रहा है। उन्होंने हमेशा यह कहा कि जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तब हम अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं। उन्होंने कई धार्मिक, शैक्षिक, और सामाजिक कार्यक्रम शुरू किए, जो समाज में सेवा और मानवता के प्रचार-प्रसार का काम करते हैं। अम्मा का मानना है कि अधिकांश समस्याओं का समाधान केवल सेवा के माध्यम से ही पाया जा सकता है।

    "सेवा का कार्य केवल दूसरों के लिए नहीं, बल्कि स्वयं के लिए भी है।"

    • संदेश: दूसरों की सेवा करने से हम अपनी आत्मा को शुद्ध और विकसित कर सकते हैं।

अम्मा के प्रमुख योगदान:

  1. अम्मा का आलिंगन (Hugging Saint): अम्मा की एक प्रमुख विशेषता यह है कि वे लाखों लोगों को अपनी गहरी करुणा और आध्यात्मिक प्रेम के साथ गले लगाकर आशीर्वाद देती हैं। यह साधना अनूठी है और अम्मा के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। उनका यह आलिंगन आध्यात्मिक जागरूकता और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। अम्मा ने दुनिया भर में करीब 40 मिलियन लोगों को गले लगाकर आशीर्वाद दिया है।

  2. मातृमंडल (Amma's Ashrams): अम्मा ने दुनिया भर में कई आश्रमों और धार्मिक केंद्रों की स्थापना की है, जिनमें भारत, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में हजारों लोग आते हैं। इन आश्रमों में लोग आध्यात्मिक शिक्षा, ध्यान, और सेवा के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। इन आश्रमों का उद्देश्य एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक जीवन जीने का मार्गदर्शन करना है।

  3. अम्मा की शिक्षाएँ और पुस्तकें: अम्मा ने अपने जीवन में कई पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें आध्यात्मिक और जीवन से जुड़े विषयों पर विचार व्यक्त किए हैं। इन पुस्तकों में उन्होंने जीवन को प्रेम और करुणा से जीने का मार्ग बताया है। उनके उपदेशों में यह हमेशा कहा जाता है कि आध्यात्मिकता का उद्देश्य स्वयं के भीतर की वास्तविकता को पहचानना है, ताकि हम जीवन को सही तरीके से जी सकें।

  4. समाज सेवा और शिक्षा: अम्मा ने सामाजिक कार्यों में भी योगदान दिया है। उन्होंने गरीबों के लिए आश्रय, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए कई पहलें शुरू की हैं। उनके द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों में गरीब बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य शिविर, और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं।

  5. अम्मा की धर्मार्थ संस्थाएँ: अम्मा ने एम.ए.एम. (Amrita Vishwa Vidyapeetham) की स्थापना की, जो एक प्रमुख विश्वविद्यालय है। इसके अंतर्गत शिक्षा, स्वास्थ्य, संवर्धन और सामाजिक कल्याण के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय वैज्ञानिक अनुसंधान और आध्यात्मिक शिक्षा का एक केंद्र बन चुका है।

अम्मा के प्रमुख उद्धरण:

  1. "प्रेम एक ऐसी शक्ति है जो सब कुछ बदल सकती है।"

    • संदेश: प्रेम में वह शक्ति है, जो किसी भी परिस्थिति को बदल सकती है।
  2. "ईश्वर के बारे में नहीं सोचो, उन्हें महसूस करो।"

    • संदेश: आध्यात्मिकता केवल ईश्वर के बारे में सोचने की नहीं, बल्कि उसे महसूस करने की है।
  3. "दूसरों को खुश देखकर ही खुद खुशी मिलती है।"

    • संदेश: दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाने से हमें सच्ची खुशी मिलती है।
  4. "जो कुछ भी आपके पास है, वह दूसरों के लिए उपयोगी बनाएं।"

    • संदेश: हमारे पास जो भी है, वह दूसरों के भले के लिए होना चाहिए।

अम्मा का योगदान:

माता अमृतानंदमयी (अम्मा) ने अपनी पूरी जिंदगी प्रेम, करुणा, और सेवा के माध्यम से मानवता की सेवा की है। उनका जीवन एक सशक्त उदाहरण है कि धार्मिकता और आध्यात्मिकता का वास्तविक अर्थ दूसरों की सेवा करना है। अम्मा की शिक्षाएँ और उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची आध्यात्मिकता केवल आत्मा की शांति प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि दुनिया में प्रेम और करुणा फैलाने के लिए है।

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