शनिवार, 22 मई 2021

गुरु नानक देव जी

 गुरु नानक देव जी (1469-1539) सिख धर्म के पहले गुरु और उसके संस्थापक थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी (अब पाकिस्तान में स्थित) में हुआ था, जो आजकल ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है। गुरु नानक देव जी का जीवन और उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वे एक महान संत, समाज सुधारक और धार्मिक विचारक थे, जिन्होंने समाज में धार्मिक एकता, समानता, और भाईचारे का संदेश दिया।

गुरु नानक देव जी की वाणी को "गुरुबानी" के नाम से जाना जाता है, जो "आदि ग्रंथ" (अब सिखों का प्रमुख धार्मिक ग्रंथ, जिसे श्री गुरु ग्रंथ साहिब कहा जाता है) में संकलित है। उनका जीवन सच्चे धर्म, सेवा, और मानवता के आदर्शों का प्रतीक है।

गुरु नानक देव जी के प्रमुख विचार और संदेश:

1. ईश्वर की एकता:

गुरु नानक देव जी ने ईश्वर की एकता का संदेश दिया। उन्होंने सिखाया कि भगवान एक ही है और सबमें वही विद्यमान है, चाहे कोई भी धर्म हो, वह ईश्वर एक ही है।

"एक ओंकार" (One God)

  • संदेश: भगवान केवल एक है और हर जगह विद्यमान है, वह साकार और निराकार दोनों रूपों में है।

2. भाईचारे और समानता:

गुरु नानक देव जी ने जातिवाद, ऊंच-नीच और धार्मिक भेदभाव का विरोध किया। वे मानते थे कि सभी लोग बराबर हैं, चाहे उनकी जाति, धर्म या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।

"न कोई हिंदू, न कोई मुसलमान"

  • संदेश: सभी मानव एक समान हैं, और यह हमारे कर्म और उद्देश्य हैं जो हमें पहचानते हैं, न कि हमारी जाति या धर्म।

3. नम्रता और सेवा:

गुरु नानक देव जी ने सेवा (सेवा भाव) और नम्रता को जीवन का सर्वोत्तम आदर्श बताया। उन्होंने सिखाया कि सच्ची भक्ति और धार्मिकता सेवा के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है।

"सेवा सुमिरन से ही होती है,
माता की सेवा से माता को प्रबुद्ध करें।"

  • संदेश: हमें अपने जीवन में सेवा भाव अपनाना चाहिए, क्योंकि यही सच्चा धर्म है।

4. सच्चा कर्म:

गुरु नानक देव जी के अनुसार, सच्चा धर्म वह है जो हमारे कर्मों के माध्यम से दिखता है। पूजा-पाठ, हवन, और आडंबर सिर्फ बाहरी कार्य हैं, असली भक्ति तो हमारे आचरण में होनी चाहिए।

"कर्म कर जो तू सबसे पहले करता है,
वो सच्चा विश्वास है।"

  • संदेश: सच्चा धर्म अपने कर्मों में निहित है, इसलिए हमें अपने कर्मों को ईमानदारी से करना चाहिए।

5. ध्यान और ध्यान की आवश्यकता:

गुरु नानक देव जी ने ध्यान और नाम स्मरण (नाम जाप) को महत्व दिया। उनका मानना था कि आत्मा की शुद्धि और भगवान से मिलन के लिए मन को शुद्ध करना बहुत जरूरी है।

"राम नाम जपो, आपो प्रगट होय।"

  • संदेश: भगवान का नाम स्मरण करने से आत्मा को शांति मिलती है और ईश्वर से मिलन संभव होता है।

6. साधू और संतों का आदर्श:

गुरु नानक देव जी ने साधू और संतों के जीवन को आदर्श माना। उनका मानना था कि संतों का जीवन सत्य, प्रेम, और सेवा का जीवन होता है।

"साधू संगति से ही आत्मा को शांति मिलती है।"

  • संदेश: एक व्यक्ति को संतों के साथ रहना चाहिए, क्योंकि उनका जीवन और उनके विचार हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

7. सत्संग और कीर्तन:

गुरु नानक देव जी ने सत्संग (सज्जन लोगों का संग) और कीर्तन (भगवान के गीतों का गायन) को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। वे मानते थे कि इन दोनों के माध्यम से ही व्यक्ति अपने जीवन को सही दिशा दे सकता है।

"कीर्तन करो, गुरुकृपा से ही होगा उद्धार।"

  • संदेश: भगवान के नाम का कीर्तन और सत्संग से आत्मा का कल्याण होता है।

गुरु नानक देव जी के प्रमुख उद्धरण:

  1. "कृपा और दया से बढ़कर कोई सुख नहीं।"

    • संदेश: करुणा और दया जीवन का सबसे बड़ा सुख है, जो हमें हर किसी से साझा करनी चाहिए।
  2. "जो भगवान में विश्वास करता है, वह सच्चा सुखी है।"

    • संदेश: यदि हमें सच्ची शांति चाहिए तो हमें भगवान में पूर्ण विश्वास रखना चाहिए।
  3. "दुनिया का भला उसी का होता है, जो सच्चा काम करता है।"

    • संदेश: केवल सच्चे कर्मों से ही जीवन में अच्छाई आती है, और इससे समाज का भला होता है।
  4. "अपने अंदर ही परमात्मा का दर्शन करना सबसे महत्वपूर्ण है।"

    • संदेश: भगवान का दर्शन बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि हमारे भीतर होता है।

गुरु नानक देव जी का योगदान:

  • सिख धर्म की स्थापना: गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी, जो कि एक आस्थावादी, भक्ति आधारित धर्म है। सिख धर्म की शिक्षाएं धर्म, सेवा, समानता और इंसानियत पर जोर देती हैं।

  • गुरु ग्रंथ साहिब: गुरु नानक देव जी ने अपने शिष्यों के साथ मिलकर धर्म की सच्चाईयों को समाहित किया, जो बाद में गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हुई। यह सिखों का धार्मिक ग्रंथ है, जो उन्हें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

  • मानवता और भाईचारे का प्रचार: गुरु नानक देव जी ने समग्र मानवता को एक समान मानते हुए जातिवाद, धर्मांधता, और सामाजिक भेदभाव का विरोध किया। उनका जीवन हमें प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश देता है।


गुरु नानक देव जी के विचार और शिक्षाएं आज भी हमें सत्य, प्रेम, भाईचारे और सेवा की दिशा में मार्गदर्शन देती हैं। उनका जीवन और उनके संदेश समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, और उनके द्वारा स्थापित सिख धर्म ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है।

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