शनिवार, 9 सितंबर 2017

हठ योग में प्रमुख प्राणायाम (Major Pranayama in Hatha Yoga) 🌬️🧘‍♂️

 

हठ योग में प्रमुख प्राणायाम (Major Pranayama in Hatha Yoga) 🌬️🧘‍♂️

🌿 "क्या प्राणायाम केवल श्वास नियंत्रण का अभ्यास है, या यह ऊर्जा और चेतना को जागृत करने का एक साधन है?"
🌿 "हठ योग में कौन-कौन से प्राणायाम प्रमुख हैं, और वे हमारे शरीर और मन को कैसे प्रभावित करते हैं?"
🌿 "क्या प्राणायाम से मानसिक शांति, ध्यान और कुंडलिनी जागरण संभव है?"

👉 "हठ योग" (Hatha Yoga) में प्राणायाम एक महत्वपूर्ण साधना है, जो श्वास (प्राण) को नियंत्रित करके शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है।
👉 हठ योग प्रदीपिका, गेरंड संहिता और शिव संहिता जैसे ग्रंथों में प्राणायाम को आत्म-साक्षात्कार और कुंडलिनी जागरण का महत्वपूर्ण साधन बताया गया है।


🌬️ प्राणायाम क्या है? (What is Pranayama?)

🔹 "प्राण" = जीवन ऊर्जा (Vital Energy)
🔹 "आयाम" = नियंत्रण (Expansion/Regulation)

🔹 प्राणायाम का अर्थ है – "श्वास को नियंत्रित कर ऊर्जा (प्राण) को संतुलित करना"
🔹 हठ योग में प्राणायाम का उद्देश्य न केवल फेफड़ों और शरीर को स्वस्थ बनाना है, बल्कि ऊर्जा चक्रों (Chakras) को जागृत करना और ध्यान को गहरा करना भी है।

👉 "जब श्वास स्थिर होती है, तब मन स्थिर होता है – और जब मन स्थिर होता है, तब आत्मा का अनुभव होता है।"


🌬️ हठ योग में प्रमुख प्राणायाम (Major Pranayama in Hatha Yoga)

1️⃣ नाड़ी शोधन प्राणायाम (Nadi Shodhana Pranayama) – ऊर्जा मार्गों की शुद्धि

📌 यह "अनुलोम-विलोम" के नाम से भी जाना जाता है।
📌 इस प्राणायाम में एक नासिका से श्वास लेकर दूसरी नासिका से छोड़ते हैं।
📌 यह इड़ा (चंद्र), पिंगला (सूर्य) और सुषुम्ना नाड़ियों को संतुलित करता है।

🌿 लाभ:
✅ मस्तिष्क को शांत करता है और ध्यान के लिए तैयार करता है।
✅ नाड़ी तंत्र (Nervous System) को संतुलित करता है।
✅ आध्यात्मिक उन्नति और कुंडलिनी जागरण में सहायक।

👉 "मन को शांत और आत्मा को जागृत करने के लिए सर्वोत्तम प्राणायाम।"


2️⃣ भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama) – शक्ति और ऊर्जा जागरण

📌 इसमें तेज़ गति से गहरी साँसें ली और छोड़ी जाती हैं।
📌 इसे "योगिक सांसों की धौंकनी" भी कहा जाता है।
📌 यह ऊर्जा को सक्रिय करता है और शरीर को गर्म करता है।

🌿 लाभ:
✅ शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
✅ फेफड़ों और रक्त संचार को सुधारता है।
✅ मूलाधार चक्र (Muladhara Chakra) को जागृत करता है।

👉 "भस्त्रिका से शरीर और आत्मा में शक्ति और ऊर्जा का संचार होता है।"


3️⃣ कपालभाति प्राणायाम (Kapalbhati Pranayama) – मानसिक शुद्धि और ऊर्जा संतुलन

📌 इसमें तेज़ गति से साँस छोड़ते हैं और पेट को अंदर खींचते हैं।
📌 यह प्राणायाम नाड़ियों की शुद्धि और मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

🌿 लाभ:
✅ मस्तिष्क को शुद्ध और जागरूक बनाता है।
✅ शरीर से विषैले तत्वों (Toxins) को निकालता है।
✅ पाचन तंत्र को सुधारता है।

👉 "कपालभाति से शरीर और मस्तिष्क की सभी नाड़ियों की शुद्धि होती है।"


4️⃣ शीतली और शीतकारी प्राणायाम (Sheetali & Sheetkari Pranayama) – शरीर को ठंडक देने वाला प्राणायाम

📌 इसमें जुबान को गोल बनाकर साँस लेते हैं (शीतली) या दाँतों के बीच से साँस लेते हैं (शीतकारी)।
📌 यह शरीर को ठंडा और मन को शांत करता है।

🌿 लाभ:
✅ शरीर की गर्मी को कम करता है।
✅ क्रोध और मानसिक तनाव को शांत करता है।
✅ हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।

👉 "गर्मी और क्रोध को शांत करने के लिए उत्तम प्राणायाम।"


5️⃣ भ्रामरी प्राणायाम (Bhramari Pranayama) – ध्यान और मानसिक शांति

📌 इसमें मधुमक्खी के गूँजने जैसी ध्वनि (Hmmmmm) करते हुए साँस छोड़ते हैं।
📌 यह मस्तिष्क को तुरंत शांति और ध्यान की गहराई में ले जाता है।

🌿 लाभ:
✅ मानसिक तनाव, डिप्रेशन और चिंता को दूर करता है।
✅ ध्यान की गहराई बढ़ाता है।
✅ सहस्रार चक्र (Crown Chakra) को जागृत करता है।

👉 "भ्रामरी से मन की अशांति समाप्त होती है और ध्यान सहज होता है।"


6️⃣ उज्जायी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama) – विजयी श्वास तकनीक

📌 इसमें गले से धीमी और नियंत्रित साँस ली जाती है, जिससे समुद्र की लहरों जैसी ध्वनि होती है।
📌 यह ध्यान और योग साधना के लिए बहुत उपयोगी है।

🌿 लाभ:
✅ मन को स्थिर करता है और ध्यान के लिए तैयार करता है।
✅ उच्च रक्तचाप (High BP) को नियंत्रित करता है।
✅ थायरॉइड और हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है।

👉 "उज्जायी प्राणायाम से शरीर, मन और आत्मा में स्थिरता आती है।"


🌬️ हठ योग में प्राणायाम का महत्व (Importance of Pranayama in Hatha Yoga)

प्राणायाम न केवल श्वास का नियंत्रण है, बल्कि यह ऊर्जा संतुलन का विज्ञान है।
यह नाड़ियों (Nadis) को शुद्ध करता है और कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने में सहायक होता है।
ध्यान (Meditation) और समाधि (Samadhi) में गहराई लाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।
प्रत्येक प्राणायाम का प्रभाव शरीर के अलग-अलग ऊर्जा केंद्रों (चक्रों) पर होता है।


🌿 निष्कर्ष – क्यों करें प्राणायाम?

यह श्वास और ऊर्जा को नियंत्रित कर मन को स्थिर करता है।
यह मानसिक तनाव को दूर कर ध्यान और समाधि में सहायक होता है।
यह शरीर को ऊर्जावान और स्वस्थ बनाता है।
यह कुंडलिनी जागरण और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।

🙏 "मैं आत्मा हूँ – शांत, स्थिर और ऊर्जावान। प्राणायाम मेरे शरीर, मन और आत्मा को जागृत करने का साधन है।"

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